
भाजपा नेता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत प्रमाणित दस्तावेज निकाल कर डीजीपी से किये गए शिकायत की जांच में जुटी पुलिस।

प्रकाश कुमार यादव
गरियाबंद(गंगा प्रकाश)।:- पांडुका सिंचाई अनुविभाग में पदस्थ प्रभारी एसडीओ खेमू राम साहू पर नहर मरम्मत के नाम पर लाखों के भ्रष्ट्राचार करने का आरोप लगा है। भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रीतम सिन्हा ने आरटीआई के तहत निर्माण मरम्मत कार्य के सम्पूर्ण दस्तावेज निकाला था।इन्ही दस्तावेज के आधार पर 8 अगस्त 2022 को डीजीपी के समक्ष शिकायत किया था।शिकायत पत्र में कहा गया है कि एसडीओ साहू ने जिस आदित्य ट्रेंडिंग कन्स्ट्रक्शन मटेरियल सप्लायर रायपुर के नाम पर मूडतराई नहर का मरम्मत कर लगभग ढाई लाख का बिल का आहरण कराया है वह फर्म एसडीओ खेमू राम साहू के सुपुत्र आदित्य प्रकाश साहू का है।फर्म के जीएसटी नम्बर के डिटेल में दर्ज पता पचपेड़ी नाका, लक्ष्मी नगर रायपुर है वही पता एसडीओ खेमू राम का भी है।9 बिंदुओं के शिकायत पत्र में कहा गया है कि एसडीओ ने अपने पद का दुरुपयोग किया,बगैर काम कराए जो बिल लगाए गए सभी मे एसडिओ ने ही हस्ताक्षर किए हैं। कूटरचना कर सरकारी संपत्ति के लूट में तत्कालीन अफसरों ने भी एसडीओ के काम मे सब कुछ जानते हुए भी सहयोग किया है।पूरे प्रकरण में प्रीतम सिन्हा ने तत्कालीन ई ई आशुतोष सास्वत,सहायक अभियंता आर के रजक व वरिष्ठ लेखा लिपिक रोहित तिवारी की भी मिलीभगत बताया है।शिकायत के बाद एसपी जे आर ठाकुर ने मामले की जांच के लिए थाना प्रभारी पांडुका को अधिकृत कर दिया है।मामले में सिंचाई विभाग के ई ई एस के बर्मन ने भी जांच की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस से प्राप्त पत्र के आधार पर उच्च स्तरीय परीक्षण हेतु पत्र ऊपर भेज दिया गया है।इस प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर एसडीओ खेमू राम साहू ने कहा कि शिकायत फर्जी है,मेरे उक्त फर्म से कोई सम्बंध नही है,शिकायत ही पुरी फर्जी है ।
आरटीआई से खुला मामला

पांडुका निवासी प्रीतम सिन्हा ने बताया कि अक्टूबर 2021 में महज डेढ़ फीट चौड़ी अनुपयोगी नहर का मरम्मत किये जाने का दावा सिंचाई विभाग द्वारा किया गया था।मूड़तराई के 1650 मीटर छोटी नहर में खरीफ के सीजन में मरम्मत बताया गया जो गले नही उतरा।प्रीतम ने कहा कि अक्टूबर माह में खरीफ के लिए पानी दिया जाता है।मरम्मत का कार्य अक्टूबर के बाद ही होता है ।शंका होने पर उन्होंने आरटीआई के तहत दस्तावेज निकलवाया।दस्तावेजों को निकालने के बाद मौके का मूयाना किया,जन्हा काम बिल्कुल ही नही हुआ था।सीमेंट बोरियों में बालू भर कर मरम्मत दर्शाया गया,इन बोरियो के नाम पर 50 हजार से ज्यादा निकाला गया था,मौके पर एक भी बोरी नही थे।काम पर एक भी मजदूर का जिक्र न होना व काम मे ढाई लाख खर्च करना ही गड़बड़ी कि पुष्टि किया है ।सिन्हा ने मामले की शिकायत जल सन्साधन विभाग के प्रमुख अभियंता से भी किया है।