ग्राहक बन दीदियों द्वारा बनाये गए जायकेदार भोजन का उठाया लुत्फ़

दंतेवाड़ा (गंगा प्रकाश)। कलेक्टर विनीत नंदनवार एवं जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा की गाड़ी पहुंची मनवाढाबा । वहां पहुंच उन्होंने पूरे परिसर का भ्रमण किया।ततपश्चात स्व सहायता समूह के दीदियों से मिले। उन्होंने मुख्यमंत्री की मंशानुसार इस गौठान योजना के तहत शामिल आजीविकामूलक बहु गतिविधि का ज़िक्र करते हुए इसे महिला सशक्तिकरण की एक अच्छी पहल बताया।और अच्छा काम करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।कलेक्टर और सीईओ ने ढाबा में दीदियों द्वारा बनाये गए भोजन का लुत्फ भी उठाया और इसका भुगतान भी किया। और उनके कार्यों की सराहना की।उन्होंने कहा कि जिस तरह से आप लोगों द्वारा ढाबा का संचालन किया जा रहा है प्रशंसनीय है।आपको बता दे कि दंतेवाड़ा जिला के विकासखंड के गीदम अंतर्गत बड़े कारली ग्राम पंचायत में स्थित गौठान गीदम से महज 6 किलोमीटर है।जो आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था के रीढ़ बन रही है। गौठान अब सिर्फ गोबर का उपयोग करने या वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने तक सीमित नहीं है।मुख्यमंत्री की इस योजना के तहत है कई गतिविधियों को इसमें शामिल कर संचालित किया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को सीधा लाभ मिल सके।जिनमें से एक है कारली गौठान परिसर से लगा हुआ मनवाढाबा यह ढाबा 3000 वर्ग फिट में, 16 लाख की राशि से डीएमएफ मद से बना हुआ है। जिसे बॉस बोडीन स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है। इस ढाबे का संचालन समूह की दस महिलाएं कर रहीं हैं।ढाबे की देख रेख से लेकर खाना बनाने और साफ-सफाई का जिम्मा भी इन्ही महिला दीदियों का है। जिसे वो बखूबी निभा रही है। ढाबे में एक दिन की कमाई लगभग बीस से चौबीस हजार रुपए है। ऐसे में महिलाएं प्रतिमहीना 7 से 8 हज़ार रुपए आय अर्जित कर रही है।।स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती अर्चना कुर्राम बताती है कि इससे पहले वो सिर्फ खेती करती थी लेकिन जब से वो इस स्व सहायता समूह में जुड़कर काम कर रही है, उसमें पहले से ज़्यादा आत्मविश्वास बढ़ गया है। और कहती हैं कि अब तक उनके समूह को गोबर बेचकर डेढ़ लाख तक फायदा मिल चुका है।आगे भी वो इसी तरह काम करना चाहती है।
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