फिंगेश्वर एवं आसपास नदी किनारे लाल ईट बनाने वाले कर रहे मनमाने खुदाई, 8-10 फीट गहरी मिट्टी की खुदाई से रास्ते हुए बंद

 

फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छ.ग. सरकार द्वारा निर्माण कार्यो में ईट भट्टो का लाल ईट का उपयोग न करने के निर्देश के बाद भी अंचल में सैकड़ों ईट भट्ठों में लाखों ईटा बनाया जा रहा है। और इसके लिए सरकारी भूमि, सार्वजनिक भूमि, निजी भूमि से मिट्टी की अंधाधुध खुदाई कर जहां लोगों की परेशानी बढ़ा रहे है वही अवैध रूप से ईट निर्माण कर सरकार को लाखों रूपयों के राजस्व की हानि पहुंचा रहे है। इन दिनों प्रधानमंत्री आवास के नाम पर गांव गांव में आवास का निर्माण किया जा रहा है। जिससे ईट का उपयोग बढ़ गया है। इसकी आपूर्ति के लिए गांव गांव में अवैध तरीके से लाखों की संख्या में लाल ईट बनाया जा रहा है। ईट बनाने के लिए जहां चाहें वहां मिट्टी का मनमाने ढंग से खनन हो रहा है। विशेषकर सुखा नदी के तटों, किनारों में फिंगेश्वर, परसदा, गदहीडीह जैसे कई गांवों में नदी के 8-8, 10-10 फीट जेसीबी मशीनों से खोदकर मिट्टी निकाली जा रही है। इससे गांवों में बरसात के समय बाढ़ एवं आसपास खेतों की फसल पानी में डूबने की आशंका है। आज 5 दिसंबर को फिंगेश्वर के वार्ड क्रं. 3, 4, 6, 7, 8 के अनेक नागरिकों ने तहसीलदार फिंगेश्वर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी फिंगेश्वर, एसडीएम राजिम एवं खनिज विभाग गरियाबंद को आवेदन देते हुए इस प्रकार का अवैध ढंग से लाल ईट बनाने वालों पर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है। आवेदन में हस्ताक्षर करने वालों में अशोक कुमार, फागू सोनकर, जयेश सोनकर, लक्ष्मण, पुरन सोनकर, राधेश्याम, सेवकराम आदि ने कहा है कि ईट का काम दिन दूना रात चौगुने बढ़ गए है। दस हजार रूपये में एक ट्रैक्टर ईट का दाम होने से मनमानी कमाई के चक्कर में प्रकृति का दोहन किया जा रहा है। गांव गांव में मिट्टी खोदने से आने जाने के रास्ते बंद हो गए है। बताया जाता है कि फिंगेश्वर एवं आसपास नदी में लाखों की संख्या में ईट बनाने सैकड़ों भट्टे में ईट बताया जा रहा है। राजस्व, खनिज एवं प्रशासन से तत्काल कार्यवाही आपेक्षित है।

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