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25000 कुंडिय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ हुई संपन्न छत्तीसगढ़ से योगेश्वरानंद नेताम हुए शामिल

 

वाराणसी (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृतियों के लिए विशेष स्थान रखता है। छत्तीसगढ़ के ऐसे विशेष संस्कृतियों एवं कलाओं ने हमेशा से पूरे मंच को अपना बनाया है।

इन्हीं कलाओं ने विहंगम योग के माध्यम से विशेष संदेश पूरे विश्व में फैला रहा है।

ज्ञात हो कि विहंगम योग संस्थान का 101वाँ शताब्दी महोत्सव भारत के संस्कारधानी वाराणसी (उत्तरप्रदेश) के विश्व के विशालतम एवं सबसे बड़े साधना केंद्र (20000 एक साथ बैठने की क्षमता) स्वर्वेद महामंदिर में मनाया जा रहा है।

आज उत्तरप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्यातिथ्य में 25000 कुंडिय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ संपन्न हुआ। अनंत श्री सदगुरु स्वतंत्र देव जी महाराज ने विहंगम योग के इस विशेष पर्व में विहंगम योग प्रकल्पों से अवगत कराया। साथ ही विहंगम योग के सामाजिक योगदान भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी चल रहे विहंगम योग के साधना को बताया साथ सभी को शुभाशीर्वाद प्रदान किया।

विहंगम योग संस्थान छत्तीसगढ़ के प्रचारक योगेश्वरानंद नेताम ने बताया कि विहंगम योग संस्थान सिर्फ योग ही नहीं सिखाता बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती है जिसे सद्गुरु उत्तराधिकारी सुपुज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने अपने दिव्य स्वर्वेद कथामृत में कहा है। छत्तीसगढ़ के सैकड़ों बालक गुरुकुल शिक्षा के साथ लाभान्वित हुए हैं और वर्तमान में भी निःशुल्क गुरुकुल का लाभ ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ को विशेष मंच हमेशा से विहंगम योग संस्थान ने दिया है जो कि अविस्मरणीय है।

पंकज भाई मोदी( प्रधानमंत्री के भाई), कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के यशस्वी विधायक लता उसेंडी(राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा) व सैकड़ों विशिष्ट अतिथि भी शामिल हुए। उपरोक्त कार्यक्रम में देश विदेश के लाखों श्रद्धालुगण शामिल हुए और 25000 कुंडिया यज्ञ के साक्षी बने।

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