मनाही के बाद भी किसान जला रहे पराली

 

फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। खरीफ फसल धान कटाई के बाद अब रबी फसल लगाने फिंगेश्वर अंचल के गाँव- गाँव में खेत सफाई के नाम पर खेतो में धीरे- धीरे पराली जलाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो रही है। प्रशासन ने अभी से पराली जलाने में सख्ती बरतना शुरू किया तोआने वाले दिनों में पराली जलने के काम को रोक जा सकता है। वरना अगले 15.20 दिनों में गाँव- गाँव में पराली जलाना तेज़ी से प्रारम्भ हो जायेगा। रबी फसल बोने की जल्दबाजी में अंचल के गांवों में किसानों द्वारा पैरा,पराली जलाने से एक ओर प्रदूषण में भारी इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी ओर पालतू मवेशियों के लिए चारा की समस्या बढ़ती जा रही है। क्षेत्र में वैसे भी गांव- गांव में ईंट भट्ठों, अत्यधिक खराब सड़कों के कारण पहले से ही वायु प्रदूषण व्याप्त है। जिस पर पर्यावरण विभाग और राजस्व विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है।पिछले लगभग डेढ़ महीने से हार्वेस्टर और थ्रेसर मशीनों से फसल कटाई के कारण फसल के पौधों के रेशे वातावरण में उड़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।वहीं गांव- गांव में पैरा जलाने से उसके राख के कण प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं। विडंबना है कि खेती के सभी काम मशीनों से होने के कारण गौकोमाता का दर्जा देने वाले और प्रत्येक शुभकार्य में उसकी पूजा करने से पीछे नहीं रहने वाले किसान ही लापरवाही दिखा रहे हैं।प्रशासन और गायत्री परिवार द्वारा लगातार जागरूक करने के बावजूद किसान न केवल गायों को घर से बाहर करने से न परहेज कर रहे हैं, बल्कि उसके चारे को भी नहीं बख्श रहे है, जिससे लगातार गोवंश में कमी दिखाई दे रही है।

 

तहसीलदार अजय चन्द्रवंशी ने बताया कि जानकारी मिलने पर किसानों को लगातार समझाइश और चेतावनी दी जा रही है।हालांकि किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।

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