एंजेल एंग्लो हाई स्कूल में शिक्षकों ने बच्चों के साथ मनाया नववर्ष: विद्यालय में स्टूडेंट्स ने गीत- संगीत और खेल गतिविधियों के साथ नए साल का स्वागत किया

एंजेल एंग्लो हाई स्कूल में शिक्षकों ने बच्चों के साथ मनाया नववर्ष: विद्यालय में स्टूडेंट्स ने गीत- संगीत और खेल गतिविधियों के साथ नए साल का स्वागत किया

 

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)।  एंजेल एंग्लो हाई स्कूल में नववर्ष 2025 का जश्न बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सरस्वती वंदना कर कार्यर्कम की शुरुआत हुई वही छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर केक काटा और एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। छात्रों ने नृत्य, गायन और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं

विद्यालय के बच्चों के साथ सभी शिक्षकों ने  समय बिताया साथ में डांस भी किया और उनके साथ नए साल का जश्न मनाया। वेस्टन इंडियन साउथ इंडियन और छत्तीसगढ़ केके गीतों में झूम कर बच्चों ने नृत्य भी किया,स्टेज पर शिक्षकों ने बच्चों के साथ गीत गाए, नृत्य किया और कई मजेदार खेल खेले।

बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और उनकी आंखों में चमक इस विशेष दिन को और यादगार बना गई। विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।

जिसे उपस्थित पालक, छात्र-छात्राएं व अतिथियों व स्टाफ ने सराहा।एंजेल एंग्लो हाई स्कूल 20 वर्ष पहले इस विद्यालय की शुरुआत की थी। शुरुआत में इस स्कूल में 50 बच्चों से किए थे और आज यह स्कूल में लगभग 800 से ज़्यदा बच्चे यहाँ पढ़ाई कर रहे है,बच्चों ने विद्यालय परिसर में रंगोली बनाई और फिल्मी गीतों पर नृत्य भी किया। उन्होंने जमकर नए साल का जश्न मनाया। प्राचार्य द्वारा बच्चों को उपहार भी दिए गए इस अवसर पर अनीता पींगे ने कहा कि स्कूल में इस तरह के आयोजन से छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है। सभी छात्रों को आने वाले वर्षों के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

आज के बच्चे कल का भविष्य हैं उन्हें सही मार्गदर्शन और उचित दिशा देने की आवश्यकता है- प्राची कूटारे

 

प्राची कूटारे ने कहा कि स्कूल के सभी बच्चों के साथ नववर्ष का कार्यक्रम आयोजित किया गया है । इस अवसर पर बच्चों के साथ मिलकर धूमधाम से नव वर्ष मनाया और उन्हें भविष्य में आने वाली चुनौतियों से अवगत कराते हुए पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी।आज के बच्चे कल का भविष्य हैं उन्हें सही मार्गदर्शन और उचित दिशा देने की आवश्यकता है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक , धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अवगत कराना जरूरी है।

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