पिछड़ा वर्ग समाज चला गया छत्तीसगढ़ सरकार के हाथों – रमेश यदु

पिछड़ा वर्ग समाज चला गया छत्तीसगढ़ सरकार के हाथों – रमेश यदु

 

 बलौदाबाजार/भाटापारा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ का 54 प्रतिशत आबादी वाला छत्तीसगढ़ का पिछड़ा वर्ग समाज जिसकी 60 परसेंट आबादी भारतीय जनता पार्टी के विचारधाराओं से जोड़कर सरकार बनती है इस समाज को आज छत्तीसगढ़ के सरकार ने आइना दिखा दिया ,आसान नगरी निकाय चुनाव एवं त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को वनांचल क्षेत्र में समाप्त कर दिया तथा सामान्य क्षेत्र में आरक्षण को घटा दिया गया इससे स्पष्ट है कि आज छत्तीसगढ़ किया सरकार स्पष्ट रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों की अनदेखा करते हुए आरक्षण को लेकर चल दिया उक्त बातें छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु आज प्रेस को जारी एक व्यक्तत्व में कही है,उन्होंने ने आगे कहा कि भाटापारा नगर पालिका परिषद में 31 वार्ड है जिसमें एसटी, एससी, ओबीसी मिलकर 15 और सामान्य 16 कर दिया गया, उन्होंने कहा कि नगर पालिका नगर निगम के चुनाव में नगर निगम में 14 महापौर के पद हैं जिसमें एसटी, एससी, ओबीसी मिलकर 7 तथा सामान्य वर्ग के लिए 7 आरक्षित किया गया है ,इसी तरह नगर पालिका के चुनाव में अध्यक्ष पद हेतु कुल 54 नगर पालिका परिषद है जिसमें से 27 एसटी एससी ओबीसी तथा 27 अध्यक्ष पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है ,इसी तरह नगर पंचायत में कल नगर पालिका 124 है जिसमें  एससी ओबीसी तीनों को मिलाकर 62 तथा सामान्य वर्ग के लिए 62 रखा गया है ,विगत महीने छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़े डिंडोरी पीटते हुए पिछड़े वर्ग के लोगों को 50% आरक्षण देने की घोषणा की थी पिछड़ा समाज में बड़ा उत्साह था लोगों में बड़ा उमंग था कि हम सरपंच बनेंगे, जनपद अध्यक्ष बनेंगे,किन्तु वनांचल क्षेत्र में हमारी भी सहभागिता होगी लेकिन दुर्भाग्य है की पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को शून्य कर दिया गया, इससे स्पष्ट है कि सरकार छत्तीसगढ़ में निवास 54% प्रतिशत समाज को नामान्य करते हुए सामान्य वर्ग को जिनकी जनसंख्या मात्र 4% है उन्हें आत्मसात कर गले लगाया, दुर्भाग्य इस बात का है कि भारतीय जनता पार्टी के 65% प्रतिशत मूल मतदाता पिछड़े वर्ग के आते हैं और आज बीजेपी के पिछड़े वर्ग के नेता चुपचाप सर नीचा करके खड़े हैं यह एक विडंबना है, श्री यदुने आगे कहा कि समय रहते अगर पिछड़ा वर्ग समझ नहीं गया तो आने वाले समय में नौकरियां तथा शिक्षा के क्षेत्र में  आरक्षण खत्म हो जाएगा ,इसलिए उन्होंने पिछले समाज के लोगों से अपील की अभी भी समय है जाग जाओ और अपने नेताओं से कहो कि पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म करके अपने पिछडे वर्ग समाज को अपमानित किया है, पार्षदों की संख्या भी कम हो गई है, उदाहरण दूंगा तो बहुत सारा है पंचायत कभी डाटा निकाल कर देखें तो तखतपुर में सरपंच पद पर 6 पंचायत पिछड़ा वर्ग के लिए कम हो गया, नगर निगम बिलासपुर में पार्षद के तीन पद पिछडे वर्ग का खत्म हो गया, इसी तरह के बहुत सारे उदाहरण है, देवभोग विकासखंड में 53 पंचायत है जिसमें एसटी एससी ओबीसी 27 तथा 26 सामान्य है ,पूरे प्रदेश में अगर देखा जाए तो बहुत दयनीय स्थिति है, , आदिवासी समाज के प्रणेता सरल स्वभाव के धनी विष्णु देव सहाय जब मुख्यमंत्री बने थे तो छत्तीसगढ़ के समाज को बहुत उम्मीदें थी लेकिन शायद वह सिर्फ सपना मात्र रह गया, छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ छत्तीसगढ़ सरकार से मनानीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करती है इस विषय पर गंभीरता से चर्चा करें और सोच समझकर निर्णय लें ।

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