धान खरीदी के अंतिम दिवस तक उपार्जन केन्द्रों का करे भौतिक सत्यापन – कलेक्टर

धान खरीदी के अंतिम दिवस तक उपार्जन केन्द्रों का करे भौतिक सत्यापन – कलेक्टर

जिले में अब तक 4 लाख 18 हजार 155 मेट्रिक टन धान की खरीदी

 

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान धान खरीदी केन्द्रों के भौतिक सत्यापन करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। इस दौरान अपर कलेक्टर अरविंद पाण्डेय, सर्व एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थे। कलेक्टर ने अधिकारियों को कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में धान के उचित रख-रखाव एवं व्यवस्थित खरीदी को सुचारू रखने के लिए विभागीय दिशा-निर्देश अनुसार प्रत्येक धान उपार्जन केन्द्र, राईस मिल, किराना दुकानों में धान का भण्डारण किया जा रहा है, तो उसका अनिवार्य रूप से सत्यापन करे। एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खाद्य निरीक्षक, सहकारिता निरीक्षक एवं धान खरीदी केन्द्रों के लिए बनाये गये नोडल अधिकारी गठित टीम के साथ अनिवार्य रूप से जा कर सत्यापन करे। इसके अलावा उपार्जन केन्द्र में स्टेक एवं बोरे का भी मिलान करे। जिन किसानों ने अपने टोकन के माध्यम से उनके रकबे का धान बेच चुके है, ऐसे कृषकों से रकबा समर्पित करने का कार्य प्राथमिकता से करायें। धान खरीदी के अंतिम कार्य दिवसों पर प्रत्येक उपार्जन केन्द्र की सतत निगरानी करे। साथ ही डीओ, टीओ से धान उठाव एवं परिवहन की निगरानी रखे। संबंधित अधिकारियों को राईस मिलर्स द्वारा अब तक धान के कितना धान का उठाव किया गया है, उसकी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि उपार्जन केन्द्रों में धान बोरे का स्टेकिंग अनिवार्य रूप से कराये। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 91 हजार 124 पंजीकृत किसान है। वर्तमान में जिले में अब तक 4 लाख 18 हजार 155 मेट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। अब तक धान बिक्री करने वाले किसानों को 937 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु ने बताया कि धान खरीदी के अंतिम समय में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए शासन ने जिला स्तरीय अधिकारियों को उपार्जन केन्द्रों की सतत् निगरानी का जिम्मा सौंपा है। ताकि किसी भी प्रकार की फर्जी धान खरीदी-बिक्री एवं बोगस प्रविष्टि, बोगस उठाव आदि से बचा जा सके। इस दौरान संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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