कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी
दीपक अग्रवाल ने राजनैतिक दलों की ली बैठक
आदर्श आचार संहिता के बारे में दी आवश्यक जानकारी

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के फलस्वरूप कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक अग्रवाल ने राजनैतिक दलों की बैठक लेकर आचार संहिता की जानकारी दी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में विभिन्न राजनैतिक दलों को जानकारी देते हुए बताया कि आदर्श आचार संहिता निर्वाचन की घोषणा के समय और दिन से लागू हो गई है। उन्होंने राजनैतिक दलों और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा निर्वाचन के घोषणा के बाद से प्रक्रिया पूरी होने तक नियम एवं कानून के दायरे में क्या करना चाहिए एवं क्या नहीं करना चाहिए। उसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सभाओं में विवाद की स्थिति में पुलिस की सहायता लेनी चाहिए। किसी भी जुलूस की शुरूआत और समाप्ति का समय और स्थान पहले से तय किया जाना चाहिए और उसकी अनुमति लिखित तौर पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी दलों/ अभ्यर्थियों को निर्वाचन के समान अवसर सुनिश्चित कराने के लिए सार्वजनिक स्थान में सभा करने की अनुमति दी जाती है। शांतिपूर्ण और व्यवस्थित मतदान सुनिश्चित कराने के लिए अधिकारियों का सहयोग करना चाहिए। निर्वाचन अभियान में लगे सभी राजनैतिक कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र लगाना चाहिए। अभियान अवधि के दौरान मतदान के दिन वाहनों के चलन का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ घासीदास मरकाम, उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश सिंह राजपूत सहित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
बैठक में बताया गया कि निर्वाचकों की जाति संप्रदाय के आधार पर कोई राजनीतिक अपील नहीं की जानी चाहिए। मतदान में ऐसी गतिविधियां नहीं की जानी चाहिए, जिससे भ्रष्ट आचरण या निर्वाचन अपराध माना गया है, जैसे – रिश्वत देना, डराना धमकाना, अनुचित प्रभाव डालना, अन्य मतदाता का मत डालना। निर्वाचन के दौरान निर्वाचनों को सुचिता बनाये रखने और निर्वाचन की प्रक्रिया पारदर्शी लाने के लिए राजनैतिक दलों को नगद लेन-देन से बचना चाहिए। जुलूस में शामिल व्यक्तियों को कोई भी हथियार नहीं ले जाना चाहिए। अन्य दलों और अभ्यर्थियों द्वारा लगाये गये पोस्टरों को हटाया या खराब नहीं करना चाहिए।