पं.श्यामाचरण शुक्ल की जयंती मनाई गयी

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं सिंचाई प्रबंधन के कुशल विशेषज्ञ स्व. पं. श्यामाचरण शुक्ल की जयंती को “कृषक दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया। आज 27 फरवरी 2025 को पूरे प्रदेश में जिला एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी कड़ी में फिंगेश्वर मे कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने श्याम भैया को पुष्पांजलि अर्पित की।कार्यक्रम में कांग्रेसजनों ने शुक्ल जी के योगदान को याद करते हुए किसान हितैषी नीतियों और सिंचाई परियोजनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी शिवकुमार सिंह ठाकुर ने उनके साथ बिताये हुए पलों को स्मरण करते हुए भावुक होकर क्षेत्र में उनके द्वारा बांध बनाकर सिंचाई हेतु नहर नाली का निर्माण कर राजिम विधान सभा क्षेत्र को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी कार्य किया। पूर्व नपं अध्यक्ष अनिल चंद्राकर ने बताया की श्याम भैया सिर्फ नाम नहीं, बल्कि किसानों के मसीहा थे। उनकी दूरदर्शी नीतियों ने प्रदेश की कृषि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। गंगरेल, शिकासेर, सोढूर, कोडार जैसे जलाशयों का निर्माण कराकर उन्होंने किसानों के लिए सिंचाई का स्थायी समाधान दिया।पूर्व एल्डरमैन जितेंद्र सिँह ठाकुर ने कहा की पं. श्यामाचरण शुक्ल का जन्म 27 फरवरी 1925 को रायपुर में हुआ था। उनके पिता पं. रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। राजनीति उन्हें विरासत में मिली, लेकिन उन्होंने अपनी अलग पहचान किसानों के हितैषी और विकास पुरुष के रूप में बनाई।सुघरमल आड़े ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा श्याम भैया किसानों के सच्चे हितैषी थे, हर खेत उनकी पहचान लिए खड़ा है,सिंचाई की हर धार में उनकी नीतियों का प्रकाश झलकता है,प्रदेश का हर अन्नदाता के दिल में आज भी आज भी श्याम भैया के लिए प्रेम बना है।उक्त कार्यक्रम में हरिशंकर श्रीवास्तव,नत्थू कश्यप, करीम खान, कमलेश यदु, डोमार धु्रव, अतुल श्रीवास्तव, अशोक निषाद, श्रीमती प्रभा जैन, युवराज सिन्हा, गैंद लाल यादव, विनोद ठाकुर, अमर लाल साहू, शरद चतुर्वेदी, प्रदीप साहू रोबा सरपंच, तेजेश यदु, चंद्रमणी चंद्राकर, रामाधिन रात्रे, लक्ष्मण माण्डले, कुंजाम अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश बंछोर एवं धन्यवाद व आभार राजेन्द्र सुर्यवंशी अध्यक्ष नपं फिंगेश्वर ने किया।