फिंगेश्वर नगर पंचायत में उपाध्यक्ष का चुनाव बना कौतूहल पूर्ण, 7 पार्षद निर्दलीय, 5 पार्षद भाजपा एवं 3 पार्षद कांग्रेस के होने से उपाध्यक्ष पद के लिए असमंजस की स्थिति

फिंगेश्वर नगर पंचायत में उपाध्यक्ष का चुनाव बना कौतूहल पूर्ण, 7 पार्षद निर्दलीय, 5 पार्षद भाजपा एवं 3 पार्षद कांग्रेस के होने से उपाध्यक्ष पद के लिए असमंजस की स्थिति

 

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। 12 मार्च को फिंगेश्वर नगर पंचायत में नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं 15 पार्षदों का शपथग्रहण नगर पंचायत कार्यालय परिसर में रखा गया है। शपथग्रहण के तुरंत बाद नगर पंचायत की पहली बैठक होगी जिसमें उपाध्यक्ष का चुनाव किया जावेगा। नगर पंचायत में राजनैतिक समीकरण के चलते पार्षदों में काफी विचित्र स्थिति है। यहॉ 15 पार्षदों में सर्वाधिक 7 पार्षदों निर्दलीय, 5 पार्शद भाजपा एवं 3 पार्षद कांग्रेस पार्टी समर्थक है। इससे उपाध्यक्ष चयन में काफी दिलचस्प स्थिति है। बताया जा रहा है कि पिछले 2-3 दिनों से सभी 7 निर्दलीय पार्शद नगर से गायब है। इससे भाजपा एवं कांग्रेस में ऊह-पोह की स्थिति है। एक तरफ माना जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा निर्दलियों को ऑफर है कि आप निर्दलीय से उपाध्यक्ष बना लेवें। हमारा पूरा समर्थन रहेगा यानी निर्दलीय 7 एवं कांग्रेस 3 इस तरह 10 पार्षद हो जावेंगे। और कांग्रेस भाजपा का उपाध्यक्ष नहीं बनने देगी। इसमें भी विरोधाभास यह है कि निर्दलियों में भी एका नहीं है। इससे यह बात बनती नहीं लग रही है। इधर निर्दलीय भाजपा पार्षदों पर डोरे डालने के फिराक में है। उपाध्यक्ष बनने निर्दलीय पार्षद काफी दम लगाए हुए है। क्योंकि उन्हें भाजपा द्वारा पार्षद न बनाए जाने यानी पार्षद चुनाव में भाजपा का टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय चुनाव जीत जाने वाले पार्टी में अभी अहमियत बताने ऐनकेन प्रकारेण उपाध्यक्ष बनने के लिए आतुर है। यहॉ बात करें भाजपा के 5 पार्षदो की तो इनमें नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व उपाध्यक्ष भी उपाध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल तो है परंतु पार्टी अनुशासन का डर इन्हें सता रहा है। मात्र 5 की संख्या होने से भाजपा पार्षद भी कुछ कर नहीं पा रहे है। चर्चा तो यहॉ तक है कि दमदार निर्दलीय पार्षद भाजपा के कुछ पार्षद को अपने पाले में लाने के लिए दाम-दंड-भेद की नीति में सफल भी हो जावें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। यहॉ पर सबसे महत्वपूर्ण फंडा यह है कि नगर पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी का है। और मात्र पार्षद 3 कांग्रेस के है। अध्यक्ष अगर पीआईसी में सभापति बनाने का वायदा कर कुछ पार्षद अपने तरफ करना भी चाहें तो कम से कम 5 पार्षद अतिरिक्त चाहिए। जो कि कांग्रेस के लिए भारी मुश्किल भरा होगा। इधर भाजपा 5 की संख्या के कारण 4 पार्षदों को अपने पक्ष में करने काफी मशक्कत करने की स्थिति में है। यहॉ उपाध्यक्ष बनने में आसान स्थिति निर्दलियों के पास है। कहा तो यहॉ तक जा रहा है कि 7 निर्दलियों में लगभग सभी भाजपा कार्यकर्ता ही है। पार्टी अगर अपने रूठे कार्यकर्ताओं को मनाकर पार्टी की मुख्यधारा से जोड़कर भाजपा के नाम पर उन्हीं में से उपाध्यक्ष उम्मीदवार बना ले तो भाजपा कुछ कर सकती है। परंतु 7 में 4 निर्दलिय भाजपा प्रवेश करते है तो भाजपा के नाम से जीते 5 पार्षदों को एक सूत्र में बांधकर रखना भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा जैसा होगा। कुल मिलाकर फिंगेश्वर नगर पंचायत के उपाध्यक्ष चुनाव में कई दिलचस्प स्थिति बन सकती है, इसमें दो मत नहीं है। चूंकि अध्यक्ष कांग्रेस का है और उपाध्यक्ष कांग्रेस बनाने के लिए उत्सुक नहीं है। जीते भाजपा पार्षद आराम से निर्दलीय को उपाध्यक्ष बनने नहीं देंगे। और संख्या बल में सबसे ज्यादा 7 निर्दलीय पार्षद एक साथ रहते है तो निर्दलीय भी सहजता से उपाध्यक्ष पद छोड़ना चाहेंगे नहीं। कुल मिलाकर फिंगेश्वर नगर पंचायत में 12 मार्च को होने वाले उपाध्यक्ष का चुनाव काफी दिलचस्प भरा होगा।

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