लू हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए प्राथमिक उपचार एवं जरूरी उपाय

लू हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए प्राथमिक उपचार एवं जरूरी उपाय

 

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। मौसम विभाग द्वारा बढ़ते तापमान के चलते येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। लगातार बढ़ते तापमान के कारण लू हीट वेव का खतरा भी बढ़ गया है। फिंगेश्वर विख. में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है। जब वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस 104 फैरेनहाइट या उससे अधिक हो जाता है, तो इसे हीट वेव या लू कहा जाता है।डॉ वीरेंद्र हिरोंदिया ने बताया की इसका सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर पड़ता है। मस्तिष्क का हाइपोथैलेमस भाग शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, लेकिन अत्यधिक गर्मी में यह तंत्र प्रभावित हो जाता है, जिससे हीट स्ट्रोक या ष्लू लगने की स्थिति उत्पन्न होती है।विख. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ  वीरेंद्र हिरोंदिया ने बताया कि लू लगने पर सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह सूखना, चक्कर आना, उल्टी होना और भूख कम लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीना न आना एवं अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना आदि लक्षण दिखाई पड़ते है। उन्होंने बताया कि लू लगने पर प्राथमिक उपचार के लिए मरीज के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखें। उसे अधिक मात्रा में पानी और पेय पदार्थ दें, जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि। मरीज को हवादार स्थान पर लिटाएं और उसके शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें तथा तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और ओआरएस घोल दें। डॉ हिरोंदिया ने लू से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें। बाहर जाने से पहले सिर और कानों को कपड़े से अच्छी तरह ढंकें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और लंबे समय तक धूप में रहने से बचें। हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें, अधिक पसीना आने पर ओआरएस घोल का सेवन करें। चक्कर या मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें और शीतल पेय पिएं तथा किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए 104 आरोग्य सेवा केंद्र से निःशुल्क सलाह लें।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *