भटचौरा के प्राचार्य एल सी वारे पर लगा मनमानी और छात्रों से अवैध वसूली का आरोप।

जितेन्द्र लहरे

मस्तूरी(गंगा प्रकाश) मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत भटचौरा के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य  एल सी वारे पर शाला विकास समिति के अध्यक्ष और साला स्टाफ के शिक्षकों ने ही प्राचार्य के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत किए हैं। शिकायत में 15 बिंदुओं पर प्राचार्य के मनमानी और लापरवाही पूर्वक कार्यों का वर्णन किया गया है। साथ ही साला विकास प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुरेश पटेल ने प्राचार्य एल सी वारे पर कोविड-19  के दौरान एडमिशन फीस माफ होने के बावजूद छात्र छात्राओं से एडमिशन फीस के अलावा अधिक रुपए लेने और साला के बैंक अकाउंट में नहीं डाल कर अपने निजी कामों में खर्च करने का शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी के पास किया है। शिकायत होने की बात सुनकर प्राचार्य ने शाला विकास प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व शाला के स्टाफगणों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अपनी ऊंची पहुंच बताते हो विद्यालय के स्टाफ लोगों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया था जिसकी शिकायत खुद स्टाफ वालों ने भी जिला शिक्षा अधिकारी से किए थे। शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भटचौरा की शिकायत को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच टीम बनाकर शिकायत की जांच के लिए दिनांक 10/03/2022 प्रदीप श्रीवास्तव प्राचार्य शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पचपेड़ी और संध्या रानी बां प्राचार्य शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मानिकचौरी को जांच अधिकारी बना कर ग्राम पंचायत भटचौरा शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य के संबंध में 7 दिवस के अंदर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था। लेकिन खुद जांच अधिकारी बने  प्रदीप श्रीवास्तव द्वारा 7 दिवस के अंदर जांच नहीं करने के बजाए 7 माह हो गए हैं अभी तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत जिला शिक्षा अधिकारी के पास नहीं किए हैं। जिसको लेकर शाला विकास समिति के लोगों ने जांच अधिकारी  प्रदीप श्रीवास्तव पर भी प्राचार्य के साथ मिलीभगत रहने और उनके गलतियों को छुपा कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर कार्य में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगा रहे।

वही इस संबंध में भटचौरा की उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य एल सी वारे का कहना है कि जांच चल रही है सही और गलत का फैसला बहुत जल्द हो जाएगा।

जांच अधिकारी बने  प्रदीप श्रीवास्तव का कहना है कि भटचौरा उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य द्वारा जांच के अनुसार गलती पाई गई है छात्र छात्राओं से जो अवैध वसूली कर रकम लिया गया था उसे विद्यालय के बैंक खाते में डलवा दिया गया है ऑडिट नहीं होने की वजह से जांच अभी पूरी नहीं हो पाया है।

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