स्वास्थ्य मंत्री का शर्मनाक बयान : गर्भपात मामले पर लीपापोती, पत्रकारों को ‘टाइट’ करने का फरमान!…

स्वास्थ्य मंत्री का शर्मनाक बयान : गर्भपात मामले पर लीपापोती, पत्रकारों को ‘टाइट’ करने का फरमान!…

 

 

रायपुर/बिलासपुर (गंगा प्रकाश)। बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में लापरवाही की इंतहा हो चुकी है! पहले एक गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन देकर उसका पांच महीने का गर्भ गिरा दिया, और जब इस गंभीर घटना पर पत्रकारों ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से सवाल किया, तो जवाब देने के बजाय उन्होंने पत्रकारों को ही ‘टाइट’ करने का हुक्म जारी कर दिया!

मंत्री का दोहरा चेहरा बेनकाब :

 जब हाईकोर्ट तक ने स्वत: संज्ञान लेकर राज्य के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा, तब भी मंत्री जी अनजान बने रहे। और जब पत्रकारों ने इस लापरवाही पर जवाब मांगना चाहा, तो बजाय अफसरों पर कार्रवाई करने के, उन्होंने सिम्स के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति से कहा – “आजकल के पत्रकार ब्लैकमेलर हैं, ज़रा उन्हें टाइट करो!”

गर्भपात या हत्या? कौन जिम्मेदार? :

13 मार्च को करगीकला की गर्भवती महिला पेट दर्द की शिकायत पर सिम्स में भर्ती हुई थी। इलाज के दौरान डॉक्टरों की घोर लापरवाही से उसे गलत इंजेक्शन लगा दिया गया, जिससे उसका पांच महीने का बच्चा कोख में ही मर गया! महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट रूप से हत्या है, लेकिन सिम्स प्रबंधन इसे मामूली गलती बताकर रफा-दफा करने में जुट गया।

अब सवाल उठते हैं :

  1. जब हाईकोर्ट तक इस पर कड़ा रुख अपना चुका है, तो स्वास्थ्य मंत्री इसे सामान्य घटना क्यों बता रहे हैं?

  2. क्या मंत्री को प्रदेश की बर्बाद हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था की चिंता नहीं?

  3. क्या पत्रकारों को दबाने से सच छुप जाएगा?

पत्रकारों ने दी खुली चुनौती :

 मंत्री के इस बयान के बाद बिलासपुर के पत्रकारों ने इसे स्वतंत्र पत्रकारिता पर सीधा हमला करार दिया और कहा कि सच को दबाने की हर कोशिश नाकाम होगी। अगर सरकार को पत्रकारों से डर लगने लगा है, तो समझ लीजिए कि सच्चाई उनके गले की फांस बन चुकी है!

अब देखने वाली बात होगी कि सरकार दोषियों पर कार्रवाई करेगी या फिर सिस्टम की गंदगी छुपाने के लिए पत्रकारों को ही अपराधी ठहराने की कोशिश करेगी?…

 

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