सेवा को सलाम: सढ़ोली संकुल ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को दी गरिमामयी विदाई

सेवा को सलाम: सढ़ोली संकुल ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को दी गरिमामयी विदाई

 

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। संकुल केंद्र सढ़ोली में एक विशेष सम्मान समारोह के माध्यम से तीन सेवानिवृत्त शिक्षकों को भावभीनी विदाई दी गई। यह अवसर केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन शिक्षकों की वर्षों की सेवाओं, निष्ठा और शिक्षकीय मूल्यों को स्मरण और सम्मानित करने का एक प्रेरणास्पद क्षण बन गया।

संकुल परिवार की ओर से व्याख्याता बी.पी. देवांगन, प्रधान पाठक शिव मूर्ति सिन्हा और शिक्षक ललित कुमार सिन्हा को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं सम्मान पत्र भेंट कर विदाई दी गई। समारोह का माहौल भावनात्मक और गरिमापूर्ण रहा, जहां शिक्षा जगत के इन तीन स्तंभों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सच्चे मन से सराहा गया।

“शिक्षक समाज का पथप्रदर्शक होता है” — सेवानिवृत्त शिक्षकों की प्रेरक वाणी

समारोह में अपने अनुभव साझा करते हुए बी.पी. देवांगन, शिव मूर्ति सिन्हा और ललित सिन्हा ने शिक्षक जीवन की गहराइयों को शब्दों में पिरोया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का कार्य केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं होता, वह छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र विकास और सामाजिक जिम्मेदारी के बीज बोता है। समाज शिक्षक को आदर्श मानता है, इसलिए शिक्षक को चाहिए कि वह निष्ठा, अनुशासन और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करे।

संकुल प्राचार्य और समन्वयक ने किया प्रेरक योगदान का सम्मान

संकुल प्राचार्य श्रीमती रेखा शुक्ला ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इन शिक्षकों की सेवा यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि जिस लगन, प्रतिबद्धता और कर्तव्यनिष्ठा से इन्होंने कार्य किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श है।

संकुल समन्वयक दल प्रसाद साहू ने शिक्षकों के योगदान को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि उनका शिक्षकीय जीवन न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि सहकर्मियों के लिए भी एक सीख है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का प्रभाव विद्यार्थी के जीवन भर रहता है, और यही शिक्षक की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है।

उपस्थिति ने बढ़ाई समारोह की गरिमा

इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक शिक्षकों, कर्मचारियों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया। प्रमुख रूप से प्राचार्य बंटी राय, बी.के. हिरवानी, शिवेश शुक्ला, सुरेश ध्रुव, गुलाब देवांगन, गोविंद साहू, दुलेश चंद्रवंशी सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन गिरीश शर्मा ने बेहद संयोजित और भावनात्मक शैली में किया, जबकि आभार प्रदर्शन रूपेस्वर यादव द्वारा किया गया।

भावनाओं से भरा एक यादगार क्षण

यह आयोजन केवल एक विदाई समारोह न होकर, एक आदर्श शिक्षक को सम्मानित करने और उनके अमूल्य योगदान को यादगार बनाने का माध्यम बना। पूरे समारोह के दौरान उपस्थित जनसमुदाय भावुकता, सम्मान और प्रेरणा की भावना से ओतप्रोत रहा।

संकुल परिवार का यह आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में सेवा, संस्कार और सम्मान की परंपरा को जीवंत रखने वाला एक मिसाल बन गया।

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