छत्तीसगढ़ : बिजली गुल, फिर भी छह नई जिंदगियों का हुआ स्वागत — अमलीपदर सीएचसी में मोबाइल की रोशनी से सफल डिलीवरी

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। जिले के अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते 24 घंटों में छह नवजात शिशुओं की किलकारी गूंजी। खास बात यह रही कि तेज आंधी-तूफान के चलते अस्पताल में लगातार 18 घंटे बिजली बाधित रही, इसके बावजूद डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने हार नहीं मानी। मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट के सहारे सुरक्षित प्रसव कराए और माँ तथा नवजात शिशुओं की जिंदगी बचाई।

सीएमएचओ डॉ. गार्गी यदु पाल ने जानकारी दी कि रविवार रात आए तेज तूफान से पूरे इलाके की बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। स्वास्थ्य केंद्र में सोलर सिस्टम था, लेकिन अधिक उपयोग के चलते प्रसव के अंतिम चरण में उसकी बैटरी भी खत्म हो गई। अंधेरे में डूबे ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टरों ने मोबाइल की रोशनी का सहारा लेकर सुरक्षित प्रसव कराए।
डॉ. इंद्रजीत भारद्वाज, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पांच सफल प्रसव के बाद बिजली पूरी तरह चली गई थी। ऐसे में डॉक्टरों और स्टाफ ने सूझबूझ से काम लेते हुए मोबाइल लाइट का सहारा लिया और आखिरी डिलीवरी को भी सफलतापूर्वक पूरा किया। इस जज्बे में नर्स लीला, खुशबू और चित्रा का विशेष योगदान रहा।
प्रसव कराने वाली महिलाएं — लीला बाई निषाद, सदराई बाई गोड़, हीरा बाई, बुनादी बाई निषाद, रूखमणी बाई और उलसो बाई टंकेश्वर गोड़ — और उनके नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं। स्थानीय लोगों ने भी स्वास्थ्यकर्मियों के समर्पण और सेवा भावना की भूरी-भूरी प्रशंसा की है।