छत्तीसगढ़ : गरियाबंद में समर कैम्प से बच्चों के सर्वांगीण विकास का अवसर: कलेक्टर श्री उइके ने दी दिशा-निर्देश

छत्तीसगढ़ : गरियाबंद में समर कैम्प से बच्चों के सर्वांगीण विकास का अवसर: कलेक्टर श्री उइके ने दी दिशा-निर्देश

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। ग्रीष्मकालीन अवकाश में विद्यार्थियों के लिए समर कैम्प आयोजित करने की योजना जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई है। कलेक्टर बीएस उइके ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की, जिसमें इस समर कैम्प के आयोजन पर चर्चा की गई। उनका मुख्य उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है, ताकि वे अवकाश के दौरान भी रचनात्मक और शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व को निखार सकें।

समर कैम्प का उद्देश्य और गतिविधियाँ

कलेक्टर श्री उइके ने कहा कि राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार, ग्रीष्मकालीन अवकाश 01 मई से 15 जून तक होगा, और इस दौरान समर कैम्प का आयोजन किया जाएगा। समर कैम्प में बच्चों को रचनात्मक गतिविधियाँ और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से बहुमुखी विकास के अवसर दिए जाएंगे। इस कैम्प में बच्चों को कला, संगीत, नृत्य, खेलकूद, निबंध लेखन, हस्तलिपि लेखन, चित्रकारी, और कहानी लेखन जैसी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

इसके अलावा, बच्चों को अपने आसपास के प्रमुख संस्थानों जैसे औद्योगिक संस्थान, अस्पताल, डाकघर, बैंक, कलेक्ट्रेट, पुलिस कार्यालय, और अन्य सरकारी कार्यालयों का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि वे विभिन्न पेशेवर कार्यों और सरकारी सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। यह गतिविधियाँ बच्चों को न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से समृद्ध करेंगी, बल्कि उनका मानसिक और बौद्धिक विकास भी होगा।

समर कैम्प का आयोजन स्थान और समय

कलेक्टर श्री उइके ने बताया कि समर कैम्प का आयोजन स्कूलों या सामुदायिक स्थानों में किया जाएगा। इस कार्यक्रम का समय सुबह 7:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक होगा, ताकि बच्चों का समय पूरी तरह से उपयोगी हो सके और उनका दिन पूरी तरह से सकारात्मक गतिविधियों से भरा रहे। यह आयोजन पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा, और माता-पिता से सहमति लेने के बाद ही बच्चों को इसमें शामिल किया जाएगा। कलेक्टर ने यह भी सुझाव दिया कि समर कैम्प के आयोजन से पहले शाला विकास समिति और पालक-शिक्षक समिति से सहमति लेना जरूरी होगा।

प्रतियोगिताओं का आयोजन और पुरस्कार वितरण

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि समर कैम्प के दौरान बच्चों के लिए विकासखण्ड स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिनमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाएगा। इस पहल से बच्चों को अपने प्रयासों और प्रदर्शन के लिए पुरस्कार मिलेंगे, जिससे उनका उत्साह और प्रेरणा और भी बढ़ेगी।

समर कैम्प का शैक्षिक लाभ

कलेक्टर ने बताया कि समर कैम्प का उद्देश्य केवल बच्चों को व्यस्त रखना नहीं है, बल्कि यह उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना है। यह बच्चों को अपनी रुचियों के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में गहरी समझ और कौशल प्राप्त करने का मौका देगा। इसके साथ ही, बच्चों को समाज के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हुए उन्हें आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया जाएगा।

पालकों और शिक्षकों का मार्गदर्शन

समर कैम्प में विद्यार्थियों के पालकों और उनके शिक्षकों की भूमिका भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी। कलेक्टर श्री उइके ने कहा कि बच्चों के अभिभावकों और उनके शिक्षकों का मार्गदर्शन समर कैम्प की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समर कैम्प के दौरान बच्चों को सही दिशा देने के लिए प्रशिक्षित विशेषज्ञों की टीम भी मौजूद रहेगी, जो बच्चों को विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों में मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

बैठक में अन्य प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे

इस बैठक में अपर कलेक्टर नवीन भगत, जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत, एडीपीओ साक्षर भारत बुद्धविलास सिंह, गौरव गरियाबंद के नोडल अधिकारी मनोज केला, और सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मौजूद थे। इन अधिकारियों ने समर कैम्प की योजना को लेकर अपने सुझाव दिए और इसकी सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए जरूरी कदम उठाने पर चर्चा की।

निष्कर्ष

कलेक्टर बीएस उइके ने समर कैम्प के माध्यम से बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में यह पहल की है। इस कार्यक्रम के जरिए न केवल बच्चों को एक सकारात्मक दिशा मिलेगी, बल्कि यह उन्हें अपने रचनात्मक पहलुओं को पहचानने और विकसित करने का अवसर भी प्रदान करेगा। इसके साथ ही, बच्चों को विभिन्न शैक्षिक और सामाजिक अनुभव प्राप्त होंगे, जो उनके व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होंगे।

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