Cgnews: कोरबा पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा, अपात्र को पात्र बनाकर निकाली पूरी राशि, जिम्मेदारों की मिलीभगत उजागर

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रोजगार सहायक और ब्लॉक समन्वयक ने की जालसाजी, फर्जी जियोटैगिंग कर बिना निर्माण निकाली ₹1.20 लाख की राशि, ग्रामीणों ने उठाई कार्रवाई की मांग
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा (गंगा प्रकाश)। प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंघिया में कार्यरत रोजगार सहायक मदन आंडिल और ब्लॉक समन्वयक अधिकारी धर्मेंद्र कंवर पर आरोप है कि उन्होंने आपसी मिलीभगत से अपात्र व्यक्ति को योजना का पात्र लाभार्थी बताकर योजना की पूरी राशि निकाल ली।
जानकारी के अनुसार, ग्राम कर्रा निवासी संपतदास, जिनके पास पहले से पक्का मकान है, को पीएम आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में फर्जी जियोटैग के माध्यम से लाभार्थी बना दिया गया। तीन किश्तों में कुल ₹1.20 लाख की राशि खाते में भेजी गई, लेकिन जमीन पर कोई निर्माण नहीं हुआ।
- पहली किश्त: ₹40,000 (17 सितंबर 2024)
- दूसरी किश्त: ₹60,000 (18 दिसंबर 2024),
- तीसरी किश्त: ₹20,000 (23 मार्च 2025)
यह खुलासा मीडिया में खबर चलने के बाद हुआ, जिसके तुरंत बाद आरोपितों ने घबराकर आनन-फानन में आवास निर्माण कार्य शुरू करा दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सहायक मदन आंडिल मनरेगा कार्यों में भी भारी अनियमितता कर चुका है और आवास योजना की किश्तें जारी करने के बदले लाभार्थियों से ₹500 से ₹2000 तक की रिश्वत वसूली करता है। कई लाभार्थियों को यह भी कहा गया कि “राशि नहीं दी तो किश्त नहीं आएगी।”
जब ब्लॉक समन्वयक अधिकारी धर्मेंद्र कंवर से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
अब ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यदि प्रशासन ने समय रहते संज्ञान नहीं लिया, तो यह मामला योजनाओं के प्रति जनता के विश्वास को खत्म कर सकता है।