छत्तीसगढ़: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025: रायपुर में ‘सपोर्ट जर्नलिज्म’ मुहिम की शुरुआत, 32 पत्रकार संगठन प्रमुख और पत्रकार सम्मानित

रायपुर (गंगा प्रकाश)। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में शनिवार शाम एक महत्वपूर्ण पत्रकारिता सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें “सपोर्ट जर्नलिज्म” नामक नई मुहिम की शुरुआत की गई। इस अभियान का उद्देश्य निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता को प्रोत्साहित करना और पत्रकारों को आवश्यक सहयोग प्रदान करना है।


कार्यक्रम का आयोजन सिविल लाइन स्थित डायोसिस हॉल में किया गया, जहां प्रदेश भर से पत्रकार और पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार आसिफ इकबाल और विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. परदेसीराम वर्मा थे।
सम्मानित हुए 32 पत्रकार संगठन प्रमुख:
इस कार्यक्रम में प्रदेशभर में सक्रिय 32 पत्रकार संगठनों के अध्यक्षों/महासचिवों को सम्मानित किया गया, जो विभिन्न जिलों और संभागों में पत्रकारों की आवाज़ बनकर कार्य कर रहे हैं।
बेहतर पत्रकारिता के लिए विशेष सम्मान:
“बेहतर पत्रकारिता की उम्मीद सम्मान 2025” से सम्मानित पत्रकारों में शामिल हैं:
- आलोक शुक्ला (पहल)
- उचित शर्मा (टीआरपी / महासमुंद डायरी)
- देवेंद्र गुप्ता (मोर छत्तीसगढ़)
- राहुल गोस्वामी (स्वतंत्र बोल)
- सत्येंद्र सिंह राजपूत (फोर्थ आई)
- दिनेश कुमार सोनी (हाइवे क्राइम्स)
- सैयद सलमा वैदिक
- सागर फरिकार (नवभारत छायाकार)
इन पत्रकारों को उनके बेबाक और जनहितकारी पत्रकारिता कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
‘सपोर्ट जर्नलिज्म’ मुहिम का उद्देश्य:
मुहिम के संयोजक सुधीर आज़ाद तंबोली ने बताया कि www.supportjournalism.in के माध्यम से पत्रकारों को समर्थन, संसाधन और सम्मान प्रदान करने की पहल की गई है। इसमें पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे उन लोगों को मंच दिया जाएगा जो जनहित को प्राथमिकता देते हैं और जोखिम उठाकर सच्चाई सामने लाते हैं।
मौसम की चुनौती के बावजूद उत्साह:
हालांकि कार्यक्रम के दौरान अचानक मौसम में बदलाव और तेज बारिश हुई, फिर भी पत्रकारों का उत्साह कम नहीं हुआ और बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
विशेष योगदान देने वाले प्रमुख सहयोगी:
इस सफल आयोजन में शिव दत्ता, पुष्पेंद्र सिंह, शुभम वर्मा, अब्दुल शमीम, प्रतीक बेहरा, संस्कार तंबोली, नितिन लॉरेन्स, यासीन खान और अनुपम वर्मा का उल्लेखनीय योगदान रहा।
निष्कर्ष:
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘सपोर्ट जर्नलिज्म’ जैसी पहल भारतीय पत्रकारिता में नई ऊर्जा का संचार करती है। यह कार्यक्रम न केवल पत्रकारों के सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि आने वाले समय में पत्रकारिता को अधिक स्वतंत्र, निर्भीक और जनोन्मुख बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी सिद्ध हो सकता है।