Cgnews: कोरबा जिले में RTI कानून की अनदेखी: BEO पर भ्रष्टाचार छुपाने और धमकी देने का आरोप

कोरबा/पोड़ी/उपरोड़ा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI Act) की खुलेआम अनदेखी हो रही है। RTI कार्यकर्ता विजय (बादल) दुबे ने बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) प्रीति खैरवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने भ्रष्टाचार उजागर न हो, इसके लिए जानबूझकर भ्रामक जानकारी दी और धमकी भी दी।
RTI के जवाब में मिली भ्रामक सूचना
8 मई 2024 को विजय दुबे ने खंड शिक्षा कार्यालय, पोड़ी उपरोड़ा से RTI के अंतर्गत 1 जनवरी 2023 से 1 मई 2024 के बीच प्राप्त सभी आवेदनों की सत्यापित प्रतियां मांगी थीं। नियमानुसार शुल्क जमा करने के बाद भी उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने 15 मई को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रथम अपील दायर की।
जांच भी रही पक्षपातपूर्ण: आवेदक का बयान नहीं लिया गया
8 अगस्त 2024 को सुनवाई के दौरान DEO द्वारा गठित जांच टीम—जिसमें हाईस्कूल घरीपखना व स्वामी आत्मानंद विद्यालय ढेलवाडीह के प्राचार्य शामिल थे—ने जनसूचना अधिकारी और BEO का ही बयान लिया, लेकिन आवेदक विजय दुबे का पक्ष नहीं सुना गया। उन्होंने 28 अप्रैल 2025 को फिर से शिकायती पत्र देकर निष्पक्ष जांच की मांग की।
भ्रष्टाचार का आरोप और धमकी की बात
विजय दुबे का दावा है कि बीईओ प्रीति खैरवार ने फर्जी डिग्रीधारी शिक्षाकर्मियों से भारी वसूली की है और उन्हीं मामलों को छुपाने के लिए सूचना नहीं दी गई। यहां तक कि उन्हें लालच देने और धमकी देने की भी कोशिश की गई।
RTI कानून की लगातार अनदेखी, आयोग या कोर्ट का दरवाजा अंतिम विकल्प
यह मामला उन अनेक घटनाओं की श्रृंखला में एक और उदाहरण है जहाँ RTI कानून का मखौल उड़ाया जा रहा है। पहले अपील में कार्यवाही कागजी होकर रह जाती है, जिससे आवेदकों को राज्य सूचना आयोग या उच्च न्यायालय जाना पड़ता है।
आवेदक बोले—न्याय नहीं मिला तो जाएंगे हाईकोर्ट
विजय दुबे का कहना है कि यदि उन्हें मांगी गई सूचना और निष्पक्ष जांच नहीं मिली तो वे माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे।