CGNEWS:सानिया यादव ने रचा सफलता का इतिहास — छुरा की आदर्श पूर्व माध्यमिक शाला की कक्षा 8वीं में 92.5% अंक के साथ प्रथम स्थान

CGNEWS:सानिया यादव ने रचा सफलता का इतिहास — छुरा की आदर्श पूर्व माध्यमिक शाला की कक्षा 8वीं में 92.5% अंक के साथ प्रथम स्थान

 

छुरा (गंगा प्रकाश)। शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर बेटियों ने साबित कर दिया है कि परिश्रम, लगन और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है ग्राम रवेली निवासी कु. सानिया यादव ने, जिन्होंने आदर्श पूर्व माध्यमिक शाला छुरा की कक्षा 8वीं की वार्षिक परीक्षा में 92.5% अंक अर्जित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

सानिया, स्व. ईश्वर यादव की सुपुत्री हैं। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर अध्ययनरत रहते हुए यह शानदार उपलब्धि हासिल की। उनके परिणाम ने न केवल विद्यालय का मान बढ़ाया है, बल्कि पूरे ग्राम रवेली और क्षेत्र में भी गौरव की अनुभूति कराई है।

विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि सानिया शुरू से ही एक मेधावी छात्रा रही हैं। उनकी पढ़ाई के प्रति समर्पण, कक्षा में सक्रियता और अनुशासित व्यवहार उन्हें अन्य छात्रों से अलग बनाता है। स्कूल के प्राचार्य ने उन्हें एक आदर्श छात्रा बताते हुए भविष्य में और भी ऊँचाइयाँ छूने की कामना की।

गांव और समाज ने दी बधाइयाँ

सानिया की इस उपलब्धि पर पूरा गांव गर्वित है। उन्हें बधाई देने के लिए ग्रामीण जन, सामाजिक कार्यकर्ता एवं समाजसेवी आगे आए और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। बधाई देने वालों में प्रमुख रूप से श्री भुनेश्वर यादव, कल्याणसिंह राजपूत, लुकेश साहू, मुकेश साहू, टीकम यादव, धनीराम साहू, तरुण यादव, रेखराम ध्रुव (सामाजिक कार्यकर्ता), नरेश यादव, शीतल ध्रुव (समाजसेवी), मनोज पटेल (सामाजिक कार्यकर्ता), संतोष सोरी, पुनीतराम ठाकुर और प्रकाश निर्मलकर के नाम शामिल हैं।

सभी ने कहा कि सानिया की सफलता क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। यह दिखाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राएं भी उच्च प्रदर्शन कर सकती हैं, बशर्ते उन्हें सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले।

प्रेरणा बनी बेटियों के लिए

सानिया की यह सफलता केवल एक परीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संदेश देती है कि बेटियां भी अगर ठान लें, तो शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं। ग्रामवासी चाहते हैं कि शासन-प्रशासन भी ऐसे प्रतिभावान छात्रों को पहचान दे और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करे।

सानिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों, माता, और परिजनों को दिया है। उन्होंने कहा कि वह आगे चलकर शिक्षक बनना चाहती हैं और समाज की सेवा करना चाहती हैं।

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