Cgnews:कटघोरा की बेटी ने मचाया धमाल! 10वीं बोर्ड में 93% लाकर आस्था जायसवाल बनी क्षेत्र की शान, कहा – “घंटों नहीं, टॉपिक पर किया फोकस”

पिता के बिना भी हौसला न टूटा, माँ बनी ताकत – अब डॉक्टर बनकर देश की सेवा का सपना
कोरबा/कटघोरा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (CGBSE) द्वारा घोषित 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में कटघोरा की बेटी आस्था जायसवाल ने 93% अंक प्राप्त कर ना केवल आदर्श विद्या मंदिर कटघोरा में प्रथम स्थान प्राप्त किया, बल्कि पूरे इलाके का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
आस्था की यह सफलता सिर्फ एक परीक्षा परिणाम नहीं, बल्कि संकल्प, संघर्ष और समर्पण की मिसाल है। जब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा और पिता स्व. संजय जायसवाल का साया उठ गया, तब भी माँ सुशीला जायसवाल ने हार नहीं मानी। अकेली माँ ने न सिर्फ बेटी को पढ़ाया, बल्कि उसका मनोबल भी बनाए रखा।
“माँ ने कहा था – नंबर की चिंता मत करो, बस मेहनत से पढ़ो” – आस्था
आस्था ने बातचीत में बताया –
“मैंने कभी पढ़ाई के घंटों की गिनती नहीं की। मेरा लक्ष्य था कि हर दिन एक निश्चित टॉपिक को पूरा करूं। विषय की गहराई में जाना और खुद को टेस्ट करना मेरी आदत बन गई। यही मेरी सफलता का राज है।”
आस्था का सपना है कि वह आगे चलकर डॉक्टर बने और सिविल सेवा में जाकर देश की सेवा करे। इस लक्ष्य को लेकर वह 11वीं में बायोलॉजी स्ट्रीम चुनने जा रही है और अभी से NEET की तैयारी में जुट गई है।
विद्यालय और शिक्षकों ने दी शुभकामनाएं
विद्यालय की प्राचार्या डॉ. सरोज मिश्रा ने आस्था की सफलता को पूरे विद्यालय के लिए गौरव की बात बताया। उन्होंने कहा:
“विद्यार्थियों की यह सफलता उनके कठिन परिश्रम, अनुशासन और शिक्षकों के सतत मार्गदर्शन का परिणाम है। आस्था ने न केवल पढ़ाई में अव्वलता पाई है, बल्कि अपने जीवन के संघर्षों से भी प्रेरणा दी है।”
विद्यालय प्रबंधन, समस्त शिक्षकगण और अभिभावकों ने आस्था को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
जिनके परिणाम मनचाहे नहीं आए, निराश न हों – प्राचार्या का संदेश
प्राचार्या डॉ. मिश्रा ने उन विद्यार्थियों का भी हौसला बढ़ाया जिनके परिणाम अपेक्षित नहीं रहे। उन्होंने कहा:
“हर असफलता आगे बढ़ने का अवसर है। मेहनत और अनुशासन से ही सफलता मिलती है। विद्यार्थी पूरे मन से अगले प्रयासों में जुटें, जीत जरूर मिलेगी।”
निचले तबके से आई इस बिटिया की कहानी उन सभी विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल है जो मुश्किल हालातों में भी सपने देखना नहीं छोड़ते। आस्था ने सिद्ध कर दिया कि जब इरादे बुलंद हों, तो हालात भी घुटने टेक देते हैं।