Cgnews: राजनांदगांव की चमकती सितारा बनी बोदेला की भाव्या साहू, दसवीं बोर्ड में लहराया परचम : विधायक और समाज ने किया भव्य सम्मान

रिपोटर: धनंजय गोस्वामी
डोंगरगांव (गंगा प्रकाश)। कभी छोटे से गांव की गलियों में साइकिल चलाकर स्कूल जाने वाली बिटिया ने आज पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया। डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम बोदेला की निवासी भाव्या साहू, सुपुत्री श्री चतुर साहू, ने 97.17% अंक प्राप्त कर राजनांदगांव जिले में प्रथम स्थान हासिल किया है। जैसे ही यह खबर आई, गांव में जश्न का माहौल छा गया।
भाव्या की इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाइयों का तांता लग गया। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, समाज के प्रबुद्धजनों और स्थानीय लोगों ने इस होनहार बिटिया को अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिए।
भाव्या से मिलने उनके गांव पहुंचे डोंगरगांव विधायक
भाव्या की इस उपलब्धि को सराहते हुए डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू स्वयं उनके निवास ग्राम बोदेला पहुंचे। विधायक ने भाव्या को मिठाई खिलाई, शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा,
“गांव की बेटियां आज देश का नाम रोशन कर रही हैं। भाव्या जैसे विद्यार्थी हमारे समाज की प्रेरणा हैं।”
इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जयश्री साहू, जिला साहू संघ के पूर्व महामंत्री अमरनाथ साहू, तहसील अध्यक्ष हेमंत साहू, परिक्षेत्रीय अध्यक्ष इंद्रसेन साहू, सचिव राजेश साहू भी मौजूद रहे। सभी ने भाव्या के माता-पिता और पूरे परिवार को इस सफलता के लिए बधाई दी।
साहू समाज ने बोदेला की बेटी को दिया सामूहिक आशीर्वाद
भाव्या की सफलता को सामाजिक गौरव मानते हुए तहसील साहू संघ डोंगरगांव द्वारा मटिया रोड, डोंगरगांव में विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए।
समारोह की अध्यक्षता हेमंत साहू ने की, जबकि संचालन धनराज साहू ने किया। प्रमुख अतिथियों में शिवराम साहू, माधव साहू, सुरेंद्र साहू, कौशल कुमार साहू, पुरुषोत्तम साहू, सी.एल. हिरवानी, सुंदरलाल साहू, रोहित साहू समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।
भाव्या को मंच पर बुलाकर शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंच से जब भाव्या ने कहा,
“मेरी सफलता मेरे माता-पिता, गुरुजनों और समाज के आशीर्वाद से संभव हुई है,”
तो तालियों से पूरा पंडाल गूंज उठा।
भाव्या की कहानी – मेहनत, अनुशासन और सपनों की उड़ान
भाव्या की मां एक गृहिणी हैं और पिता चतुर साहू खेती-किसानी से जुड़े हैं। सीमित संसाधनों के बीच उन्होंने बेटी की पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं आने दी। भाव्या ने बताया कि वह हर दिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करती थीं और उनका लक्ष्य IAS अधिकारी बनना है।
गांव की इस बेटी ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती।
समाज का संदेश – “हर घर से निकलेगी एक भाव्या”
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि हमें ऐसे होनहार विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होना होगा। साहू समाज ने यह संदेश दिया कि शिक्षा ही सशक्त समाज की नींव है।
तो अब पूरा जिला, पूरा समाज और पूरा गांव कह रहा है —
“बोदेला की बिटिया, पूरे छत्तीसगढ़ की शान!”