Cgnews:”कर्नल सोफिया पर टिप्पणी भारी पड़ी, गरियाबंद में फूटा जनसैलाब!”

Cgnews:”कर्नल सोफिया पर टिप्पणी भारी पड़ी, गरियाबंद में फूटा जनसैलाब!”

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत गरियाबंद की सड़कों पर आज जनता का आक्रोश लावा बनकर फूट पड़ा, जब मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह के बयान ने भारतीय सेना और खासकर महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के सम्मान को ठेस पहुंचाई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने न केवल गरियाबंद की फिजाओं को ‘विजय शाह मुर्दाबाद’ के नारों से गूंजा दिया, बल्कि मंत्री का पुतला फूंककर भाजपा को सख्त चेतावनी भी दी— “सेना का अपमान करने वालों को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं।”

क्या है पूरा मामला?

बीते दिन मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की बहादुर और प्रतिष्ठित अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित रूप से अमर्यादित और आपत्तिजनक टिप्पणी की। यह वही कर्नल हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारत का नेतृत्व कर देश का नाम रोशन किया है। मंत्री के बयान के बाद देशभर में रोष की लहर दौड़ गई है।

गरियाबंद बना विरोध की आग का केंद्र

आज कांग्रेस भवन से लेकर तिरंगा चौक तक का रास्ता नारों और विरोध की गूंज से हिल उठा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में मार्च निकाला और विजय शाह का पुतला दहन कर भाजपा सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

कांग्रेस के नेताओं का तीखा प्रहार

छगन यादव (पार्षद) ने कहा:

“यह टिप्पणी सिर्फ एक महिला अफसर पर नहीं, बल्कि देश की पूरी सेना पर हमला है। भाजपा की चुप्पी शर्मनाक है। विजय शाह को तुरंत मंत्री पद से हटाकर जेल भेजा जाए।”

राजेश साहू (वरिष्ठ कांग्रेसी नेता) बोले:

“हमारे जवान बॉर्डर पर अपनी जान दांव पर लगाते हैं और मंत्री साहब उनकी इज्जत उछालते हैं? शर्म आनी चाहिए भाजपा को। सेना का मनोबल गिराने वाले ऐसे नेता को एक पल भी कुर्सी पर बैठने नहीं दिया जाना चाहिए।”

प्रहलाद यादव (युवा कांग्रेस नेता) गरजे:

“अगर भाजपा ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो युवा कांग्रेस राज्यभर में उग्र आंदोलन करेगी। सेना का अपमान हुआ है — अब भाजपा को जवाब देना होगा। विजय शाह को बर्खास्त करो, नहीं तो सड़कों पर निर्णायक युद्ध होगा।”

‘पद छोड़ो या जनक्रोध झेलो’ – कांग्रेस की चेतावनी

कांग्रेस नेताओं ने साफ शब्दों में भाजपा को चेताया है कि अगर अगले कुछ दिनों में विजय शाह को मंत्री पद से नहीं हटाया गया और विधानसभा की सदस्यता रद्द नहीं की गई, तो यह आंदोलन सिर्फ गरियाबंद तक सीमित नहीं रहेगा। पूरे राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ उबाल पैदा किया जाएगा। सड़कों पर जनता उतरेगी और हर चौक-चौराहे से यही आवाज़ उठेगी — “सेना का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान!”

क्या कहती है जनता?

विरोध प्रदर्शन में शामिल एक स्थानीय युवक राकेश वर्मा ने कहा:

“जिस सेना की वजह से हम चैन की नींद सोते हैं, उसके खिलाफ बोलने वालों को हम चैन से नहीं रहने देंगे। मंत्री हो या मुख्यमंत्री, कोई भी सेना से ऊपर नहीं है।”

अब गेंद भाजपा के पाले में

अब सबकी निगाहें भाजपा नेतृत्व पर टिकी हैं — क्या पार्टी अपने मंत्री के इस बयान पर कोई अनुशासनात्मक कदम उठाएगी या चुप रहकर जनता के आक्रोश को और भड़कने देगी? क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ेंगे?

सवाल एक ही है — क्या सत्ता की कुर्सी सेना के सम्मान से बड़ी है?

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