Cgnews:छुरा में ग्रीष्मकालीन खेल शिविर में गूंजा सेहत का मंत्र — “टोपी गमछा बांधकर ही निकलें बाहर!” बोले योगाचार्य मिथलेश सिन्हा

छुरा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छुरा कस्बे में इन दिनों खेल और स्वास्थ्य का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित 30 दिवसीय जिला स्तरीय ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर में न केवल खिलाड़ियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें गर्मी के कहर से बचाने के लिए ज़रूरी जीवन मंत्र भी सिखाए जा रहे हैं।
इस शिविर में आज विशेष आकर्षण बने योगाचार्य मिथलेश कुमार सिन्हा, जिन्होंने खिलाड़ियों को गर्मी से सुरक्षित रहने के अचूक उपाय बताते हुए कहा —
“घर से जब भी निकले, टोपी या गमछा बांधकर ही निकलें!”
गर्मी में फिट रहना है तो ध्यान रखें ये बात: मिथलेश सिन्हा
योगाचार्य ने बच्चों और युवाओं को बताया कि दोपहर 11 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें, क्योंकि यही समय सबसे ज़्यादा हीटवेव का होता है। उन्होंने कहा कि शरीर को हाइड्रेट रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
- बच्चों को 1 से 2 लीटर और वयस्कों को 3 से 4 लीटर पानी प्रतिदिन जरूर पीना चाहिए।
- बाजार के केमिकल युक्त कोल्ड ड्रिंक्स से दूरी बनाएं और बेल शरबत, नींबू पानी, शिकंजी जैसे पारंपरिक पेयों को अपनाएं।
- ओआरएस या शहद का पानी पीकर निकले, जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा बनी रहे और ऊर्जा घटे नहीं।
- खास सलाह: जेब में छोटा सा कच्चा प्याज रखकर निकले, जिससे लू नहीं लगती।
- फ्रिज का नहीं, मटके का पानी पिएं, जो प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है और पाचन में भी सहायक है।
- साथ ही मसालेदार भोजन और गर्म चाय-कॉफी का सेवन कम करें।
- एसी रूम से निकलते ही सीधे धूप में न जाएं, इससे चक्कर या लू लग सकती है।
खेल के साथ अनुशासन और देशभक्ति का पाठ भी
प्रशिक्षण शिविर में कोच शीतल ध्रुव बच्चों को न सिर्फ बैडमिंटन और वेटलिफ्टिंग की बारीकियां सिखा रहे हैं, बल्कि उन्हें अनुशासन, टीम वर्क और देशभक्ति तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता की सीख भी दे रहे हैं। शिविर का आयोजन सुबह और शाम दो-दो घंटे के सत्रों में किया जा रहा है, जिसमें खिलाड़ी पूरे उत्साह और लगन से भाग ले रहे हैं।
जिले के सितारे भी बने मार्गदर्शक
शिविर को और भी गौरवशाली बना रहे हैं जिले के प्रतिष्ठित खिलाड़ी और विशेषज्ञ, जिन्होंने बच्चों को प्रेरित किया है। इनमें शामिल हैं:
- संध्या साहू — राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी
- कुमकुम ध्रुव — वेटलिफ्टिंग एक्सपर्ट
- किरण दिव्य — गोवा में कार्यरत अमूल डेयरी इंजीनियर
- रोमन ठाकुर — कृषि अधिकारी
- देवकुमार — अनुभवी बॉडी बिल्डर
- देवश्री ध्रुव — पेशेवर फिजियोथेरेपिस्ट
इन सभी ने पूर्व में खिलाड़ियों से मुलाकात कर उन्हें खेलों की तकनीकी, शारीरिक फिटनेस, खानपान और मानसिक मजबूती के बारे में महत्वपूर्ण टिप्स दिए।
छुरा का शिविर बना प्रेरणा का केंद्र
इस शिविर ने यह साबित कर दिया है कि सिर्फ खेल नहीं, जीवन जीने की कला भी सिखाता है मैदान! जहां युवा खिलाड़ी खेल की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, वहीं उन्हें मौसम और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना भी सिखाया जा रहा है।
तो अगली बार जब आप खेल मैदान की ओर बढ़ें, याद रखें — “टोपी, गमछा और पानी साथ लेकर ही निकलें!”