धमाका! देश के दुश्मनों से यारी — देशद्रोही निकली यूट्यूब क्वीन!“देशभक्ति के चोले में छिपी गद्दारी की काली कहानी”

नई दिल्ली (गंगा प्रकाश)। जिस यूट्यूबर को आप ट्रैवल क्वीन मानते रहे, जिसने कैमरे के सामने हँसते हुए विदेशों की गलियों से भारत को “हैलो” कहा… उसी ने पीठ पीछे भारत के खिलाफ गद्दारी की ऐसी पटकथा लिखी जो सीधे ISI के दफ्तर से निर्देशित हो रही थी! ज्योति मल्होत्रा — नाम याद रखिएगा, क्योंकि अब ये इतिहास के पन्नों में एक डिजिटल जासूस के रूप में दर्ज होने जा रही है।
“कैमरे के पीछे की साजिश: जब ट्रैवल ब्लॉगर बनी राष्ट्रद्रोही!”
‘Travel with Jo’ चैनल की स्टार ज्योति ने 2023 में पाकिस्तान यात्रा की, लेकिन ये कोई आम ट्रिप नहीं थी।
वहां वो पहुंची एक विशेष मिशन पर, जिसके तहत वो संपर्क में आई पाकिस्तानी हाई कमीशन के एजेंट एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से, और वहीं से शुरू हुई गद्दारी की एक रोमांचक, लेकिन शर्मनाक दास्तान।
गजब प्यार, घातक परिणाम – जब ISI एजेंट से हुआ इश्क!
दानिश से शुरू हुई बातचीत जल्द ही प्रेम कहानी में बदली, लेकिन इस रोमांस के पीछे थी भारत के राज चुराने की गहरी चाल।
दानिश ने ज्योति को मिलवाया ISI के एजेंट अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज से, जो ज्योति के फोन में ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव था।
एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर गद्दारी का खेल: देश की गोपनीयता का सौदा!
व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट — ये ऐप्स बने जासूसी के हथियार।
- उसने भेजे भारत के सैन्य क्षेत्र, छावनियों, और रक्षा एक्सपो साइट्स के वीडियो
- उसने चलाया सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के पक्ष में नरम एजेंडा
- और इसके बदले मिला उसे पैसा, प्यार और प्लान
बाली में बीच पर बैठ ISI के साथ ‘बैठक’!
सोचिए! इंडोनेशिया के बाली में, एक खूबसूरत बीच पर बैठकर ज्योति और उसका पाकिस्तानी प्रेमी बना रहे थे भारत के खिलाफ जासूसी मिशन। अब ये कोई ट्रैवल लॉग नहीं, ये एक नेशनल सिक्योरिटी थ्रिलर है — लेकिन ये हकीकत है।
हरियाणा-पंजाब में ISI नेटवर्क का पर्दाफाश!
गिरफ्तार हुए कुल 6 एजेंट्स —
- गजाला — फंडिंग और वीजा प्रोसेस में एक्सपर्ट
- यामीन मोहम्मद — हवाला ऑपरेटर
- देविंदर ढिल्लो — रक्षा स्थलों के वीडियो भेजने वाला
- अरमान (नूंह) — सिम कार्ड्स और एक्सपो साइट घुमाने वाला
- दानिश — मास्टरमाइंड एजेंट, भारत से निकाला गया
- ज्योति मल्होत्रा — चेहरा चमकता था, लेकिन दिल था पाकिस्तान के साथ!
कानून ने कसा शिकंजा!
- BNS की धारा 152: राष्ट्रद्रोह, युद्ध में शत्रु की मदद
- ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923: गोपनीयता का उल्लंघन, जासूसी, राष्ट्र को खतरे में डालना
देश पूछ रहा है — क्या यूट्यूब पर चमकने वाले चेहरे देश के दुश्मन बन सकते हैं?
क्या ‘व्लॉग’ के नाम पर हो रही है जासूसी?
क्या ‘फॉलोअर्स की भूख’ देश की नींव को खोखला कर रही है?
सरकार अलर्ट मोड में — सोशल मीडिया निगरानी तेज
अब सरकार ने आदेश दिया है कि हर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की गतिविधि, विदेशी यात्राएं और संपर्कों की जांच होगी।
क्योंकि अब जंग केवल बॉर्डर पर नहीं, बल्कि फोन स्क्रीन के अंदर भी चल रही है!
ये कोई फिल्म नहीं — ये सच्चाई है!
जो लड़की कल तक ‘जो व्लॉग’ में हँसती थी, आज वही भारत की सबसे बड़ी डिजिटल गद्दार के रूप में सामने आई है।
और अब सवाल हम सबके लिए:
“अगर कैमरा बंद होते ही देश के साथ विश्वासघात हो, तो क्या फॉलोअर्स गवाही देंगे?”