CGNEWS: हसदेव-बांगो डूबान क्षेत्र में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला एक्वा पार्क, केज कल्चर से ग्रामीणों की आय में हो रही वृद्धि

CGNEWS: हसदेव-बांगो डूबान क्षेत्र में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला एक्वा पार्क, केज कल्चर से ग्रामीणों की आय में हो रही वृद्धि

 

कोरबा (गंगा प्रकाश)। हसदेव-बांगो जलाशय के डूबान क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का पहला एक्वा पार्क बनने जा रहा है, जो न केवल मत्स्य पालन को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों के लिए रोजगार और आय का एक नया माध्यम भी बनेगा। केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन कर रहे ग्रामीणों की आमदनी में लगातार वृद्धि हो रही है और वे आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

तिलापिया से व्यापार के सात समंदर पार खुले द्वार

तिलापिया और पंगास (बासा) जैसी मछलियों का उत्पादन यहां के ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है। खास बात यह है कि तिलापिया की मांग अमेरिका जैसे देशों तक पहुंच चुकी है, जिससे निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। कोरबा जिले के सरभोंका स्थित निमउकछार जलाशय में लगभग 800 केज की स्थापना की गई है, जिसमें 9 मछुआ सहकारी समितियों के 160 सदस्यों को शामिल किया गया है। हर सदस्य को 5-5 केज दिए गए हैं।

केज कल्चर से बढ़ रही आमदनी, रोज़गार के नए द्वार खुले

प्रत्येक सदस्य को सालाना लगभग 88 से 90 हजार रुपये की शुद्ध आमदनी हो रही है। ग्रामीण मछुआरे दीपक राम मंझुवार, अमर सिंह मंझुवार और श्रीमती देवमति उइके ने बताया कि इस आमदनी से उन्होंने घर बनवाने सहित अन्य जरूरी खर्चों को पूरा किया है। केज कल्चर से प्रतिदिन 70-80 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से तथा 15-20 छोटे विक्रेताओं को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है।

भारत सरकार से एक्वा पार्क के लिए 37 करोड़ की मंजूरी

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत भारत सरकार ने कोरबा में एक्वा पार्क की स्थापना हेतु 37.10 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। यह पार्क एतमानगर और सतरेंगा में विकसित किया जाएगा, जहां फीड मिल, फिश प्रोसेसिंग प्लांट, हेचरी और रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे मछलियों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और निर्यात की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।

मनोरंजन और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

पर्यटन स्थल सतरेंगा में एक्वा पार्क का एक्सटेंशन और जागरूकता इकाई भी स्थापित की जाएगी, जिसमें एक्वा म्यूजियम, कैफेटेरिया, फ्लोटिंग हाउस और एंगलिंग डेस्क जैसी मनोरंजन सुविधाएं होंगी। पर्यटक यहां मछली पालन की जानकारी लेने के साथ-साथ ताज़ा मछलियों का स्वाद भी ले सकेंगे।

कलेक्टर की पहल से मिलेगा और बल

जिले के कलेक्टर अजीत वसंत ने निमउकछार जलाशय का दौरा कर केज कल्चर, एक्वा पार्क और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण सहयोग की बात कही। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

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