CCGNEWS: पूजा ने थाईलैंड में रच दिया इतिहास: प्राइड ऑफ इंडिया इंटरनेशनल में छत्तीसगढ़ की बहू ने जीता रनर्स अप का ताज
माता सीता बनकर मंच पर बिखेरा भारतीय संस्कृति का तेज, छत्तीसगढ़ और जांजगीर का नाम किया रोशन

जांजगीर/छत्तीसगढ़ (गंगा प्रकाश)। कहते हैं प्रतिभा को मंच की जरूरत नहीं होती, लेकिन जब मंच मिल जाए तो प्रतिभा इतिहास रच देती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के जांजगीर की बेटी और बहू पूजा राठौर ने, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता प्राइड ऑफ इंडिया इंटरनेशनल में मिसेस कैटेगरी के तहत रनर्स अप का खिताब जीतकर छत्तीसगढ़ का नाम दुनियाभर में रोशन कर दिया है।
थाईलैंड के पर्यटन नगरी पटाया में स्थित ग्रैंड इम्पीरियल लिविंग में आयोजित यह भव्य प्रतियोगिता सौंदर्य, आत्मविश्वास, संस्कृति और समाज सेवा के समन्वय का अद्भुत उदाहरण बनी। पूनम प्रोडक्शन के बैनर तले और पूनम गोकुपूरे के निर्देशन में संपन्न इस आयोजन में भारत ही नहीं, थाईलैंड के भी कई प्रतिभागियों ने भाग लिया। मिस, मिसेस और किड्स कैटेगरी में बटी इस प्रतियोगिता में हर आयु वर्ग के प्रतिभाओं ने अपनी रचनात्मकता, पहनावे और प्रस्तुति से दर्शकों और निर्णायकों को मंत्रमुग्ध किया।
पूजा राठौर ने प्रतियोगिता के पारंपरिक राउंड में भारतीय संस्कृति की प्रतीक माता सीता की भूमिका निभाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। भारतीय परिधान, नारीत्व की गरिमा और गजब की मंच उपस्थिति के साथ उन्होंने उस क्षण को स्मरणीय बना दिया। जैसे ही उन्होंने मंच पर कदम रखा, दर्शकों में सन्नाटा और कौतूहल एक साथ छा गया। उनके अभिनय और प्रस्तुति ने भारतीय सभ्यता और छत्तीसगढ़ी संस्कृति को थाईलैंड के अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचा दिया।
पूजा राठौर के इस प्रदर्शन ने न केवल निर्णायकों को प्रभावित किया बल्कि उन्हें मिसेस रनर्स अप का गौरव दिलाया। निर्णायक मंडल में शामिल अतुल, प्रदीप पाली और साक्षी रेवतकर ने उनके आत्मविश्वास, प्रस्तुति और सांस्कृतिक प्रभाव की खुलकर सराहना की।
पूजा की ये उपलब्धि किसी संयोग की देन नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत और निरंतर आत्मविकास का परिणाम है। इससे पहले भी उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में न्यू उड़ान फाउंडेशन द्वारा आयोजित फैशन शो में रनर्स अप का खिताब जीतकर अपने आत्मबल का परिचय दिया था।
एक साधारण परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर छा जाना आसान नहीं होता। पूजा ने यह साबित कर दिया कि अगर जुनून हो, तो कोई भी महिला सिर्फ गृहिणी नहीं, बल्कि ग्लोबल आइकन भी बन सकती है। वे इस उपलब्धि को अपनी मेहनत, परिवार के सहयोग और छत्तीसगढ़ की मिट्टी के संस्कारों का परिणाम मानती हैं।
प्रतियोगिता के दौरान भारत और थाईलैंड के मॉडल्स ने पारंपरिक और आधुनिक परिधानों में रैम्प वॉक कर सांस्कृतिक विविधता का जीवंत प्रदर्शन किया। लेकिन पूजा ने जब माता सीता की भूमिका में मंच पर प्रवेश किया, तो भारतीय परंपरा, मर्यादा और सौंदर्य एक साथ प्रकट हुआ। उनका पहनावा, भाव-भंगिमा और आत्मविश्वास ने यह दर्शा दिया कि भारतीय महिलाएं विश्व मंच पर भी अपनी संस्कृति की सशक्त प्रतिनिधि हैं।
पूजा राठौर की इस सफलता के बाद जांजगीर जिले में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें बधाइयां दी हैं। सोशल मीडिया पर भी पूजा की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं, जहां लोग उनकी सराहना करते नहीं थक रहे।
यह उपलब्धि सिर्फ एक महिला की जीत नहीं है, यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति, नारी शक्ति और आत्मविश्वास की विजय है। पूजा राठौर ने यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ की बेटियां भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का गौरव बन सकती हैं।
अब सबकी नजरें पूजा के अगले कदम पर टिकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में वे और भी बड़े मंचों पर छत्तीसगढ़ और भारत का नाम रोशन करेंगी।

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पूजा राठौर, जांजगीर, छत्तीसगढ़
अंतरराष्ट्रीय मिसेस रनर्स अप – प्राइड ऑफ इंडिया इंटरनेशनल 2025