Cgcrime news: 6 साल पुराने हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा: सौतेले पिता ने ही किया बेटे का क़त्ल, शव को सेप्टिक टैंक में छिपाया — धमतरी पुलिस की सूझबूझ और जमीनी जांच से खुला वर्षों पुराना रहस्य

रिपोर्ट: कृष्णा दीवान,
धमतरी (गंगा प्रकाश)। धमतरी जिले के अर्जुनी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भोयना में छह से सात साल पुराने एक रहस्यमय नरकंकाल की गुत्थी को धमतरी पुलिस ने चौंकाने वाले अंदाज़ में सुलझा लिया है। यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि वर्षों तक दबे एक पारिवारिक षड्यंत्र, सौतेले रिश्तों की तल्ख़ी और हत्यारे के अंदर छिपे भय का दस्तावेज़ बन गया है।
पुलिस की गहन पड़ताल, मूक साक्ष्यों की बारीकी से जांच और मुखबिर तंत्र के उपयोग से सामने आया कि जिस बेटे की कभी गुमशुदगी तक दर्ज नहीं कराई गई, उसे उसका ही सौतेला पिता मौत की नींद सुलाकर गुमनामी के एक सूखे सेप्टिक टैंक में दफना चुका था।

खुलासे की शुरुआत: खोपड़ी ने खोले राज
17 सितंबर 2025 को ग्राम कोटवार तोरण नागरची की सूचना ने अर्जुनी थाना पुलिस को सकते में डाल दिया। सूचना थी कि ग्राम भोयना स्थित आशीष बरड़िया के पुराने गोदाम के सूखे सेप्टिक टैंक में एक मानव खोपड़ी पड़ी है। पुलिस मौके पर पहुंची और प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह कोई साधारण मामला नहीं, बल्कि वर्षों पुरानी साजिश की परतें समेटे हुए है।
मौके से बरामद हुई सामग्री – एक खोपड़ी, कुछ मानव अवशेष, एक डॉट पेन, प्लास्टिक बटन, D-LUX ब्रांड का अंडरवियर का रबर हिस्सा, एक सीमेंट पोल जिसमें नायलॉन रस्सी और साइकिल ट्यूब बंधे थे – ये सब हत्या को छुपाने के सुनियोजित प्रयास का संकेत दे रहे थे। पुलिस ने मर्ग क्रमांक 34/25 धारा 194 बीएनएसएस के तहत जांच शुरू की।
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टीम बनी, जांच तेज़ हुई
पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मणिशंकर चंद्रा के मार्गदर्शन में अर्जुनी थाना प्रभारी और अन्य अनुभवी पुलिसकर्मी शामिल हुए। इस टीम ने न केवल आसपास के गाँवों में वर्षों पुरानी गुमशुदगी और विवादों की जानकारी इकट्ठा की, बल्कि गोपनीय तरीके से मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया।
सौतेला रिश्ता बना हत्या की वजह
मुखबिर की सूचना और पुराने पारिवारिक विवादों की छानबीन के बाद पुलिस की नज़र ग्राम भोयना निवासी राममिलन गोड़ (62 वर्ष) पर गई, जो अब तक सामान्य ग्रामीण जीवन व्यतीत करता रहा था। पूछताछ में जब सख्ती बढ़ी, तो आखिरकार राममिलन टूट गया और उसने जो बताया, वो पुलिस के लिए भी चौंकाने वाला था।
उसने बताया कि करीब 6-7 साल पहले क्वांर नवरात्रि की रात उसका सौतेला बेटा नंदू सोनी (23 वर्ष) उसके घर आया था। आपसी बातचीत में भोजन को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि उसने गुस्से में नंदू का गला पकड़ लिया और सिर दीवार पर पटक दिया। नंदू की मौके पर ही मौत हो गई।
घबरा चुके राममिलन ने शव को रस्सी और ट्यूब से बांधकर गोदाम के पुराने सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और किसी को कानोंकान खबर नहीं होने दी।
सबूतों की कड़ी में मिला हत्या का पत्थर
पूछताछ के बाद आरोपी की निशानदेही पर वह पत्थर भी बरामद कर लिया गया जिससे नंदू के सिर पर वार किया गया था। यह एक अहम भौतिक साक्ष्य था जिसने आरोपी के इकबाल-ए-जुर्म को और पुख्ता किया।
पुलिस ने आरोपी राममिलन गोड़ के खिलाफ धारा 103(1) (हत्या) और 238 बीएनएस (सबूत छुपाने का अपराध) के तहत अपराध दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
जांच में इन अधिकारियों की रही प्रमुख भूमिका
इस पेचीदा और वर्षों पुराने मामले को सुलझाने में निरीक्षक चंद्रकांत साहू, सहायक उप निरीक्षक उत्तम निषाद, प्रआर भुनेश्वर साहू, विजय पति, आरक्षक राजेश साहू, प्रीतम ध्रुव, एवं मुकेश सिन्हा का विशेष योगदान रहा। उनकी मेहनत और टीमवर्क से आज एक परिवार को न्याय की उम्मीद मिली है।
न्याय की उम्मीद जिंदा हुई
इस हत्याकांड की जांच बताती है कि समय चाहे जितना भी बीत जाए, अपराध छुप नहीं सकता। आरोपी को शायद यह उम्मीद थी कि समय बीतते-बीतते उसकी करतूत भी मिट जाएगी, लेकिन सच्चाई ने आखिरकार रास्ता खोज ही लिया।
धमतरी पुलिस की यह सफलता न केवल अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि न्याय देर से मिल सकता है, लेकिन कभी अंधा नहीं होता