Cg news:गरियाबंद पुलिस की धमाकेदार कार्रवाई — साइबर सेल की मदद से 48 गुम हुए मोबाइल लौटाए, चेहरों पर लौटी मुस्कानें

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से एक बेहद सराहनीय और तकनीकी रूप से सशक्त पहल सामने आई है, जिसने न केवल आम जनता के बीच पुलिस की साख को मजबूत किया है, बल्कि यह साबित कर दिया है कि तकनीक और इच्छाशक्ति मिल जाए तो कोई भी असंभव कार्य संभव हो सकता है। गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा के मार्गदर्शन में साइबर सेल ने एक बड़ा अभियान चलाकर 48 गुम हुए मोबाइल फोन बरामद कर उन्हें उनके असली मालिकों को सौंप दिया। इस पूरे अभियान में CEIR पोर्टल का उपयोग करते हुए खोए हुए मोबाइलों को ट्रैक किया गया।

आज दिनांक 22 मई 2025 को गरियाबंद पुलिस कार्यालय परिसर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन 48 नागरिकों को उनके खोए हुए मोबाइल फोन लौटाए गए। इस दौरान कई लोगों की आंखों में आंसू थे, जो खुशी और राहत के मिलेजुले भाव को दर्शा रहे थे।
मोबाइल फोन आज सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की निजी और व्यावसायिक जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। फोन खोना न केवल आर्थिक हानि है, बल्कि उसमें मौजूद निजी डेटा, फोटो, दस्तावेज़ आदि के नुकसान की भरपाई कर पाना भी मुश्किल होता है। ऐसे में जब गरियाबंद जिले के 48 लोगों को उनके मोबाइल वापस मिले, तो वह पल किसी दिवाली से कम नहीं था।
पुलिस की समझदारी, तकनीक की ताकत
इस कामयाबी के पीछे गरियाबंद पुलिस की मेहनत और CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल की तकनीकी मदद है। यह पोर्टल भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो गुम या चोरी हुए मोबाइल फोनों के IMEI नंबर को ट्रैक करने की सुविधा देता है। जब भी कोई व्यक्ति अपने मोबाइल के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराता है और उसका IMEI नंबर CEIR पोर्टल पर अपलोड किया जाता है, तो यह पोर्टल उस मोबाइल में वर्तमान में इस्तेमाल हो रही सिम का पता लगाकर पुलिस को जानकारी देता है।
गरियाबंद पुलिस की साइबर टीम ने इसी तकनीक के जरिए उन सभी मोबाइल फोनों को खोज निकाला और तत्परता से उन्हें संबंधित मालिकों तक पहुंचाया।
जनता की आंखों में चमक, पुलिस के प्रति भरोसे की लौ
कार्यक्रम के दौरान जिन लोगों को उनका फोन वापस मिला, वे सभी बेहद भावुक नजर आए। कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन गरियाबंद पुलिस ने यह कर दिखाया। एक लाभार्थी ने कहा, “मैंने सोचा था कि अब फोन कभी नहीं मिलेगा। उसमें मेरी बेटी की स्कूल की सारी फोटो और दस्तावेज थे। आज जब पुलिस ने फोन वापस दिया, तो मेरी बेटी की मुस्कान देखकर मैं सब भूल गया।”
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क्या करें जब आपका मोबाइल खो जाए?
गरियाबंद पुलिस ने इस अवसर पर नागरिकों को जागरूक भी किया और बताया कि यदि उनका मोबाइल फोन गुम हो जाए तो वे निम्नलिखित कदम तुरंत उठाएं:
1. नजदीकी थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराएं।
2. साथ में ये जानकारी और दस्तावेज़ रखें:
- मोबाइल नंबर और IMEI नंबर (IMEI
- #06# डायल कर प्राप्त किया जा सकता है)
- डिवाइस ब्रांड और मॉडल
- खरीद की रसीद (यदि उपलब्ध हो)
- फोन कहां और कब खोया*आधार कार्ड और पता
साथ ही, CEIR पोर्टल पर जाकर मोबाइल गुम होने की सूचना ऑनलाइन भी दर्ज कर सकते हैं। इससे आपका IMEI नंबर ब्लॉक हो जाता है, जिससे कोई और उसका दुरुपयोग नहीं कर सकता।
गरियाबंद पुलिस की अपील
पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि जिले के नागरिक खुद को सुरक्षित और भरोसेमंद हाथों में महसूस करें। मोबाइल सिर्फ एक डिवाइस नहीं है, यह लोगों की यादों, व्यवसाय और पहचान से जुड़ा होता है। हम भविष्य में भी इसी तरह तकनीक का उपयोग कर जनता की सेवा करते रहेंगे।”
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे मोबाइल गुम होने की सूचना छुपाएं नहीं, बल्कि तत्परता से थाना या साइबर सेल में दें, ताकि फोन की ट्रैकिंग तुरंत शुरू की जा सके।
निष्कर्ष: गरियाबंद पुलिस की यह पहल सिर्फ मोबाइल लौटाने की नहीं, बल्कि भरोसे लौटाने की कहानी है। तकनीक का सही उपयोग और प्रशासन की ईमानदारी जब मिलती है, तो जनता के चेहरे पर मुस्कान लौट आती है। उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इस तरह की सकारात्मक पहल को अपनाया जाएगा।