Chhattisgarh : दबा बल्लू फेम गीतकार पर अश्लीलता फैलाने का आरोप, पुलिस में शिकायत दर्ज

रायपुर : छत्तीसगढ़ी गीतों और फिल्मों में तेजी से बढ़ रही अश्लीलता और अपसंस्कृति को लेकर प्रदेश के साहित्यकारों, गीतकारों, गायकों और जागरूक युवाओं के बीच गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में बुधवार देर रात राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाना परिसर के बाहर बड़ी संख्या में कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रदेश के कई नामचीन साहित्यकार, कवि, गायक, पत्रकार और युवा शामिल हुए। प्रदर्शन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा और मौलिक लोककला को अश्लीलता से बचाना था।

प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वर्तमान में कई यूट्यूब एल्बम और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐसे गीत रिलीज हो रहे हैं, जिनमें भद्दी भाषा, अश्लील इशारे और महिला विरोधी विषयवस्तु को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन गीतों को देखकर युवा पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ रहा है और छत्तीसगढ़ी संस्कृति की गरिमा को भी ठेस पहुंच रही है।
प्रदर्शनकारियों ने सिविल लाइन थाने में 22 कलाकारों, गीतकारों, गायकों और निर्माताओं के खिलाफ
लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिन पर अश्लीलता फैलाने का आरोप है। शिकायत में विशेष रूप से ‘दबा बल्लू’ फेम गीतकार-कलाकार किसन सेन का नाम भी प्रमुखता से सामने आया है, जिनके एल्बमों पर अश्लीलता परोसने का आरोप है।
कलाकारों की पीड़ा और प्रतिरोध
राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ कवि और गीतकार मीर अली मीर ने विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति की एक समृद्ध विरासत है। यह केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। आज कुछ स्वार्थी और कुप्रवृत्ति वाले लोग इस संस्कृति को शर्मसार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भोजपुरी गीतों में अश्लीलता का चलन बढ़ा, उसी प्रकार का खतरा अब छत्तीसगढ़ी गीतों के माध्यम से हमारे समाज में दस्तक दे रहा है। इसे रोकना अब हम सभी की जिम्मेदारी बन गई है। प्रदर्शन में शामिल छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष दिलीप मिरी ने प्रशासन और सरकार से अपील की कि ऐसे गीतकारों और निर्माताओं पर सख्त कार्रवाई की जाए जो छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि यह विकृति नहीं रुकी तो हम मजबूरन आंदोलन को और तेज करेंगे। जो लोग छत्तीसगढ़ी लोककला और समाज के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें हम बख्शेंगे नहीं।”
जनजागरण का संकल्प
प्रदर्शन में यह भी निर्णय लिया गया कि यह केवल एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि एक लगातार चलने वाला जनजागरण आंदोलन होगा। कलाकारों ने एक स्वर में कहा कि वे गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे और सही छत्तीसगढ़ी संस्कृति को प्रस्तुत करने के लिए अभियान चलाएंगे।
इस मौके पर कई युवा कवि, गीतकार, पत्रकार, लोकगायक और आम नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि राज्य सरकार को इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट पर रोक लगाने के लिए ठोस नीति और निगरानी व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
मुख्य बिंदु:
छत्तीसगढ़ी गीतों में बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ राजधानी रायपुर में विरोध प्रदर्शन
22 कलाकारों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में शिकायत
‘दबा बल्लू’ फेम गीतकार किसन सेन पर भी आरोप
छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बचाने के लिए जनजागरण अभियान की घोषणा
कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग
यह प्रदर्शन न केवल एक चेतावनी है, बल्कि छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति की रक्षा के लिए जनआंदोलन की शुरुआत भी मानी जा रही है।
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