Cg: समाधान शिविर बना सुशासन का प्रतीक – 4680 आवेदनों का हुआ त्वरित निराकरण
प्रभारी सचिव हिमशिखर गुप्ता ने कहा – “जनता के द्वार तक सरकार की पहुँच, यही है सुशासन तिहार का असली मकसद”


गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। समाधान शिविर बना सुशासन का प्रतीक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुशासन तिहार के तहत गरियाबंद जिले में एक अभूतपूर्व पहल देखने को मिली जब विकासखंड गरियाबंद के ग्राम पंचायत कोचवाय में आयोजित जिला स्तरीय समाधान शिविर में हजारों ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी निराकरण किया गया। कोचवाय सहित आसपास के गाँवों – बारूका, बेहराबुड़ा, घुटकुनवापारा, कस, हरदी, कसेरू, कोकड़ी, सड़क परसुली, तंवरबाहरा और नहरगांव से भारी संख्या में ग्रामीण शिविर में पहुँचे और उन्होंने विभागीय अधिकारियों से सीधा संवाद किया।
इस मौके पर राज्य शासन के प्रभारी सचिव हिमशिखर गुप्ता, गरियाबंद कलेक्टर बी.एस. उइके और पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। शिविर में कुल 4680 आवेदनों का निराकरण किया गया, जो सुशासन तिहार की सफलता और प्रशासन की तत्परता का प्रमाण है।
“सरकार अब चौपालों में है, दफ्तरों में नहीं सिमटी”
प्रभारी सचिव श्री गुप्ता ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा प्रयास है कि प्रशासनिक सेवाएं अब गाँवों तक पहुंचे। हर व्यक्ति की समस्या उसकी चौखट पर सुनी जाए और उसका समाधान वहीं हो। यही सुशासन तिहार की आत्मा है।” उन्होंने विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण कर लाभार्थियों से संवाद किया और उन्हें दी जा रही योजनाओं की जानकारी ली।
जनता को मिला योजनाओं का लाभ
शिविर के दौरान पात्र हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ दिया गया। तीन दिव्यांगजनों को मोटराईज़्ड ट्राइसिकल, पाँच गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार किट, पारंपरिक गोदभराई संस्कार एवं दो शिशुओं का अन्नप्राशन संस्कार भी करवाया गया। ये सभी पहलें न केवल प्रशासन की मानवीय सोच को दर्शाती हैं बल्कि शासन के प्रति आम जनता के विश्वास को भी मजबूत करती हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी रही सहभागिता
इस महत्वपूर्ण आयोजन में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती लालिमा ठाकुर, डीएफओ लक्ष्मण सिंह, जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम, एसडीएम श्रीमती ऋषा ठाकुर और जनपद सीईओ के.एस. नागेश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने विभागीय कार्यों की समीक्षा की और जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना।
कलेक्टर ने बताया सुशासन तिहार का उद्देश्य
कलेक्टर बी.एस. उइके ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा है कि शासन की सभी योजनाएं पात्र लोगों तक पूरी पारदर्शिता से पहुंचे। सुशासन तिहार का मुख्य उद्देश्य है शासन को जनता के और निकट लाना। हम लगातार फील्ड में रहकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे।”
उन्होंने यह भी बताया कि पहले चरण में प्राप्त आवेदनों की विस्तृत जांच की गई थी, और दूसरे चरण में विभागों के अधिकारियों द्वारा उन सभी आवेदनों का समाधान किया गया है। तीसरे चरण में शिविरों के माध्यम से समाधान की प्रक्रिया को गाँव-गाँव पहुँचाया जा रहा है।
जनता में दिखा उत्साह और विश्वास
शिविर में आए ग्रामीणों ने प्रशासनिक व्यवस्था की जमकर सराहना की। कई ग्रामीणों ने बताया कि पहले उन्हें महीनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब एक ही स्थान पर सभी समस्याओं का समाधान मिल रहा है। यह एक “एक स्थान – समस्त समाधान” का मॉडल बन चुका है।
अंत में…
कोचवाय का यह समाधान शिविर छत्तीसगढ़ सरकार की जन-भागीदारी आधारित प्रशासनिक सोच और तत्पर सेवा व्यवस्था का सशक्त उदाहरण बना। यह दिखाता है कि जब शासन की नीतियाँ जमीनी हकीकत से जुड़ती हैं, तब बदलाव सिर्फ कागजों में नहीं बल्कि लोगों की जिंदगी में दिखता है। सुशासन तिहार अब सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि ग्रामीण जनता की उम्मीदों की नई रोशनी बनकर उभर रहा है।