CG news: समर कैंप बना संवेदना और सृजनशीलता की पाठशाला, वृद्धाश्रम सेवा और वृक्षारोपण के साथ हुआ प्रेरणादायी समापन

CG news: समर कैंप बना संवेदना और सृजनशीलता की पाठशाला, वृद्धाश्रम सेवा और वृक्षारोपण के साथ हुआ प्रेरणादायी समापन

 

गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। समर कैंप बना संवेदना: बच्चे भविष्य के निर्माता होते हैं, लेकिन यदि बचपन से ही उन्हें संवेदना, सामाजिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय चेतना से जोड़ दिया जाए, तो वे न केवल अच्छे विद्यार्थी बल्कि बेहतर इंसान भी बनते हैं। गरियाबंद जिले में संचालित होप कोचिंग सेंटर ने इसी सोच के साथ मई 2025 में एक माह का विशेष समर कैंप और स्पोकन इंग्लिश प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया, जिसका समापन न सिर्फ रचनात्मकता के रंग में डूबा रहा, बल्कि सेवा और संस्कारों की खुशबू से भी महक उठा।

वृक्षारोपण कार्यक्रम

कला, क्राफ्ट और कम्युनिकेशन का संगम

एक महीने तक चले इस शिविर में विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने ड्रॉइंग, पेंटिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, ओरिगामी, वारली आर्ट, पेपर आर्ट और फन कुकिंग जैसी गतिविधियों के माध्यम से अपनी रचनात्मक ऊर्जा को नए रूप में प्रस्तुत किया। वहीं दूसरी ओर स्पोकन इंग्लिश की कक्षाओं में बच्चों ने आत्मविश्वास के साथ संवाद करना सीखा।

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सेंटर की संचालिका ज्योति सचिन बताती हैं,

“आज की शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें बच्चों को ऐसा वातावरण देना चाहिए, जहाँ वे अपनी कल्पनाओं को आकार दें, दूसरों की भावनाओं को समझें और समाज के लिए सोचें। यही प्रयास इस समर कैंप में किया गया।”

वृद्धाश्रम सेवा: जीवन के अनुभवों से साक्षात्कार

समर कैंप का अंतिम सप्ताह पूरी तरह से सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर केंद्रित रहा। समापन दिवस पर प्रतिभागियों को भिलाई स्थित सियान सेवा सदन – वृद्धाश्रम ले जाया गया, जहाँ बच्चों ने बुजुर्गों के साथ समय बिताया, उन्हें सहारा दिया और उनके जीवन के अनुभवों को सुना। इस सजीव मुलाकात ने बच्चों के भीतर मानवीय संवेदनाओं का बीजारोपण किया।

वृद्धाश्रम की अधीक्षिका ने कहा,

“आज के बच्चे जब बुजुर्गों के पास आते हैं, उनसे बात करते हैं, तो न केवल बुजुर्गों का मन प्रफुल्लित होता है बल्कि बच्चों में भी करुणा और सेवा की भावना जन्म लेती है। यह शिविर उस दृष्टिकोण का बेहतरीन उदाहरण है।”

वृक्षारोपण: हरियाली के साथ जिम्मेदारी का बीज

सेवा के इस उपक्रम को और भी सार्थक बनाते हुए, बच्चों ने वृद्धाश्रम परिसर में फलदार पौधों का वृक्षारोपण किया। हर बच्चे ने एक पौधे को न केवल रोपा, बल्कि यह वादा भी किया कि वे भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए हमेशा सजग रहेंगे।

बच्चों की रचनात्मक गतिविधियाँ

एक बच्चे ने उत्साह से कहा,

“मैंने पहली बार पेड़ लगाया और दादी से बातें कीं। आज जो सीखा, वह किताबों में नहीं मिलता!”

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अभिभावकों की उपस्थिति ने बढ़ाया हौसला

इस आयोजन में बच्चों के माता-पिता भी सम्मिलित हुए। उन्होंने अपने बच्चों की गतिविधियाँ देखीं, उनके विकास को महसूस किया और सेंटर की पहल की सराहना की।

एक अभिभावक ने कहा,

“आज का यह समापन समारोह केवल एक कार्यक्रम नहीं था, यह हमारे बच्चों की सोच में आया परिवर्तन था – सेवा, सृजन और समर्पण की सीख।”

भविष्य के लिए संकल्प

कार्यक्रम के अंत में होप कोचिंग सेंटर ने इस आयोजन की सफलता में सहयोग देने वाले सभी पालकों, बच्चों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। साथ ही, भविष्य में और भी अधिक सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यक्रमों को आयोजित करने का संकल्प दोहराया गया।

निष्कर्ष: एक शिविर, जो बना जीवन का सबक

होप कोचिंग सेंटर द्वारा आयोजित यह समर कैंप केवल एक शिक्षण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह एक संवेदनशील समाज के निर्माण की प्रयोगशाला थी। जहाँ बच्चे कल्पना भी कर सके, संवाद भी सीखें और समाज के साथ जुड़ाव की पहली सीढ़ी चढ़ सकें।

इस तरह के शिविर आज के समय में बेहद आवश्यक हैं, जहाँ शिक्षा को सिर्फ नंबरों से नहीं, संस्कारों और संवेदनाओं से भी मापा जाए।

बच्चों में नैतिक शिक्षा

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