CGNEWS:हरदी में श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के बीच औषधीय पौधों का रोपण — संत सिया गोवर्धन शरण महाराज ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

छुरा (गंगा प्रकाश)। हरदी में श्रीमद्भागवत कथा : धर्म और पर्यावरण का अद्भुत संगम उस समय देखने को मिला, जब गरियाबंद जिले के पावन ग्राम हरदी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के पावन अवसर पर संतों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मिलकर शीतला मंदिर परिसर में औषधीय एवं फलदार पौधों का वृहद रोपण किया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि पर्यावरण जागरूकता का संदेश भी गांव-गांव तक पहुंचा गया।
यह विशाल धार्मिक महोत्सव चतुर्भुजी सिरकट्टी आश्रम के महामंडलेश्वर संत सिया गोवर्धन शरण महाराज की पावन उपस्थिति में आयोजित हो रहा है। वे ब्रह्मलीन संत सिया भुवनेश्वरी शरण महाराज के कृपा पात्र शिष्य हैं। कथा के मंच से संत श्री द्वारा प्रवाहित की जा रही भागवत अमृतधारा में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस आयोजन ने ग्राम हरदी को अध्यात्म, सेवा और पर्यावरण चेतना का केन्द्र बना दिया है।

भीषण गर्मी में भी उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
भीषण गर्मी और उमस के बावजूद ग्रामीणों और आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग कथा श्रवण हेतु एकत्र हो रहे हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एवं श्रीकृष्ण प्राकट्य महोत्सव के आयोजन ने श्रद्धालुओं के उत्साह को और भी बढ़ा दिया है। कथा स्थल पर इतनी अधिक भीड़ उमड़ पड़ी कि आयोजकों को पंडाल का विस्तार करना पड़ा। रोजाना यज्ञ के साथ दिन की शुरुआत होती है, और दोपहर एवं संध्या दोनों समय भंडारा प्रसादी की व्यवस्था ने श्रद्धालुओं की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
विश्व पर्यावरण दिवस बना हरदी में प्रेरणा का केंद्र
5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संत सिया गोवर्धन शरण महाराज ने ग्रामवासियों को प्रकृति से जुड़ने और वृक्षों के संरक्षण का संदेश दिया। विशेष बात यह रही कि यह दिवस संत श्री के माता-पिता, स्व. सूबे सिंह साहू एवं स्व. शांति बाई साहू की पुण्यतिथि के साथ पड़ा, जिससे यह आयोजन और भी पवित्र बन गया।
संत श्री के सान्निध्य में शीतला मंदिर परिसर में औषधीय व फलदार पौधों — कटहल, आंवला, नीम, अशोक, गिलोय, तुलसी आदि — का पौधरोपण किया गया। यह कार्य पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू, ग्राम सरपंच गोमती संतु ध्रुव, पूर्व सरपंच संतु ध्रुव, ग्राम पटेल संतराम कंवर, वरिष्ठ नागरिक लखन तिवारी, चेतन यादव, भारत लाल साहू, शिवदयाल कंवर, थानूराम तारक, संतोष तारक, कुलेश्वर सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता पुनीत ठाकुर, पतंजलि योग समिति जिलाध्यक्ष योगविद अर्जुन धनंजय सिन्हा, हेमलाल पटेल और अन्य ग्रामीणों की सहभागिता से संपन्न हुआ।
“सूखी धरती करे पुकार, वृक्ष लगाकर करो श्रृंगार”
कार्यक्रम में मौजूद श्रद्धालुओं ने जोरदार नारों के साथ पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया —
“सूखी धरती करे पुकार, वृक्ष लगाकर करो श्रृंगार”,
“एक पेड़ सौ जीवन के बराबर”,
“धरती मां की यही पुकार — हर जन लगाए एक-एक वृक्ष इस बार”।
संत सिया गोवर्धन शरण महाराज ने अपने प्रवचन में कहा, “धरती माता आज घायल है। उसकी सेवा अब उपदेश से नहीं, कार्य से होगी। हर घर को, हर मंदिर को, हर गांव को हरा-भरा बनाना ही सच्चा धर्म है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे फेसबुक-इंस्टाग्राम के साथ-साथ प्रकृति से भी जुड़ें।
धार्मिक आस्था से जुड़ा पर्यावरण आंदोलन
यह आयोजन केवल एक कथा महोत्सव नहीं रहा, बल्कि यह एक सामाजिक चेतना की शुरुआत बन गया है। संतों की छांव में जब गांव के लोग एकत्र होकर पेड़ लगाते हैं, तो वह केवल हरियाली नहीं उगाते, बल्कि भविष्य के लिए आशा बोते हैं। ग्राम हरदी ने यह दिखा दिया कि गांवों से भी पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत हो सकती है — वह भी भक्ति, भंडारा और भागवत कथा के संग।
इस प्रकार हरदी की पवित्र भूमि ने एक साथ धर्म, सेवा, पर्यावरण और सामाजिक एकता का जो स्वरूप रचा है, वह पूरे छुरा विकासखंड और गरियाबंद जिले के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।