
डिप्रेशन यानी अवसाद का शिकार कोई भी हो सकता है। हालांकि स्त्रियों और पुरुषों में इसके लक्षण थोड़े अलग-अलग रहते हैं। पुरुष अक्सर गुस्से और आक्रामकता से अपने अवसाद का सामना करते हैं। कुछ पुरुष ऐसी स्थिति में लोगों से दूरी बना लेते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य शारीरिक बदलाव भी नजर आ सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि पुरुषों में डिप्रेशन के कारण आत्महत्या के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। इसलिए अगर स्वयं में या अपने आसपास किसी में भी इस तरह के लक्षण देखें, तो उसे गंभीरता से लें। कुछ लक्षणों और व्यवहार में बदलाव पर नजर रखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कहीं आपके आसपास भी कोई अवसाद का शिकार तो नहीं हो रहा है।
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व्यवहार में बदलाव
- अचानक बहुत गुस्सा आने लगता है और व्यवहार आक्रामक हो जाता है।
- कुछ लोग जानबूझकर ऐसे काम करने लगते हैं, जिसमें खतरा हो, जैसे अंधाधुंध ड्राइविंग, जुआ खेलना या खतरनाक स्टंट करना।
- डिप्रेशन की स्थिति में कुछ लोग शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन भी शुरू कर देते हैं।
- दोस्तों व परिचित लोगों से दूरी बनाना और उन कामों में भी रुचि नहीं दिखाना, जिनमें पहले बहुत रुचि रहती थी।
- किसी काम पर ध्यान केंद्रित करने और काम पूरा करने में मुश्किल आना भी डिप्रेशन के लक्षण हैं।
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भावनात्मक बदलाव
डिप्रेशन के शिकार पुरुष कई बार स्वयं को भावनात्मक रूप से खाली अनुभव करने लगते हैं। ऐसे लोग किसी भी घटना पर उचित भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं दे पाते हैं।
कभी-कभी कुछ पुरुषों में दुखी और हताश रहने जैसे लक्षण भी दिखते हैं।
शारीरिक बदलाव
- बिना वजह शरीर में दर्द, थकान और पेट से जुड़ी समस्याएं भी डिप्रेशन का लक्षण हो सकती हैं।
- नींद न आना या बहुत ज्यादा नींद आना भी डिप्रेशन के लक्षण हैं।
- भूख और वजन में बदलाव भी एक प्रमुख लक्षण है। कुछ लोगों की भूख बढ़ जाती है, जबकि कुछ लोग अचानक खाना बहुत कम कर देते हैं।
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इन पर भी रखें नजर
डिप्रेशन की स्थिति में कुछ लोग पलायनवादी हो जाते हैं, यानी ऐसे लोग ऑफिस में या खेलते समय ऐसी परिस्थितियों से भागने की कोशिश करते हैं, जो भावनात्मक हों। अगर कोई ऐसा करे, तो वह डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। इन लक्षणों की स्थिति में चिकित्सक की सलाह और उचित इलाज की जरूरत होती है। अनदेखी करना भारी पड़ सकता है।