विमान हादसे पर सनसनीखेज दावा, कर्मचारियों ने एक साल पहले ही दी थी बोइंग में खराबी की जानकारी

बीते सप्ताह अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में कम से कम 270 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के एक सप्ताह बाद इसे लेकर एक सनसनीखेज दावा सामने आया है। एयर इंडिया दो सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट ने कंपनी पर बड़े आरोप लगाए हैं। पूर्व अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिख कर बताया है कि उन दोनों ने अहमदाबाद दुर्घटना से एक साल पहले ही एयरलाइन को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में तकनीकी खराबी की सूचना दी थी।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों अटेंडेंट ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में दावा किया कि एयरलाइन ने उनकी चिंताओं को ना सिर्फ खारिज कर दिया बल्कि उन्हें अपने बयान को भी बदलने को कहा। बयान बदलने से इनकार करने पर एयरलाइन ने उन्हें निष्कासित कर दिया।

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14 मई 2024 को हुई थी दिक्कत

रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों ने आरोप लगाया कि उन्होंने ड्रीमलाइनर का दरवाजा खराब होने की सूचना दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक 14 मई, 2024 को मुंबई-लंदन B787 (VT-ANQ) ऑपरेटिंग फ़्लाइट AI-129 हीथ्रो में डॉक की गई थी और सभी यात्रियों को उतार दिया गया था। चिट्ठी में कहा गया है कि दरवाजा खोलने के लिए जिम्मेदार दो फ़्लाइट अटेंडेंट ने यह पुष्टि करने के लिए चेकलिस्ट की कि यह मैनुअल स्थिति में है। लेकिन दरवाज़ा खोलते ही स्लाइड राफ्ट तैनात हो गई। बता दें कि स्लाइड राफ्ट तब तैनात होती है जब एक दरवाज़ा ऑटोमैटिक मोड में खोला जाता है। उन्होंने कहा कि पायलट और केबिन-इन-चार्ज ने लिखित रूप में गड़बड़ी की पुष्टि की थी।

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एयर इंडिया ने मामले को दबाया

फ्लाइट्स अटेंडेंट्स ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, “हमने उच्च अधिकारियों को बताया लेकिन वे हम पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाने लगे।” पत्र में आरोप लगाया गया है कि एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 14 मई 2024 की घटना और ड्रीमलाइनर की खामियों से जुड़ी दूसरी घटनाओं को भी दबा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा मुद्दों की गंभीरता के बावजूद DGCA ने सिर्फ एक अनौपचारिक जांच शुरू की और उसके बाद से कोई रिपोर्ट साझा नहीं की गई।

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