CG: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर छुरा में दिखेगा अद्भुत नज़ारा — ‘योग से निरोग भारत’ का सपना होगा साकार

योग दिवस आदर्श शाला छुरा

CG: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर छुरा में दिखेगा अद्भुत नज़ारा — ‘योग से निरोग भारत’ का सपना होगा साकार

पतंजलि परिवार के नेतृत्व में जिलेभर में योग उत्सव की गूंज, जनमानस में उत्साह, प्रशासनिक स्तर पर पूरी तैयारियाँ

योग दिवस आदर्श शाला छुरा

छुरा (गंगा प्रकाश)। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस :  विश्वभर में 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इस वर्ष विकासखंड छुरा सहित पूरे गरियाबंद जिले में खास अंदाज़ में मनाया जाएगा। इस वर्ष का थीम है “योग से निरोग भारत की ओर”, जिसे साकार करने के लिए पतंजलि योग समिति, जिला प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों ने कमर कस ली है।

कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे हैं योगविद् अर्जुन धनंजय सिन्हा, जो न केवल जिले में योग के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि आमजन को एक नई जीवनशैली की ओर ले जाने की मुहिम चला रहे हैं। उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं एससीईआरटी के मुख्य योग प्रशिक्षक शंकर लाल यदु, जो अपने व्यावहारिक और प्रेरक प्रशिक्षण शैली के लिए जाने जाते हैं।

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हर गली-मोहल्ले तक पहुंचा योग का संदेश

पिछले कई दिनों से पतंजलि परिवार द्वारा गांव-गांव जाकर सतत जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। नुक्कड़ सभाएं, प्रभात फेरी, प्रचार रथ और व्यक्तिगत संवाद के माध्यम से लोगों को 21 जून को आयोजित विकासखंड स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

यह भव्य कार्यक्रम आदर्श पूर्व माध्यमिक शाला छुरा प्रांगण में प्रातःकाल आयोजित किया जाएगा। यदि मौसम ने बाधा डाली, तो इसका वैकल्पिक स्थान सांस्कृतिक भवन, छुरा को चुना गया है।

सांस्कृतिक भवन छुरा योग

प्रशासन और समाज के बीच शानदार समन्वय

इस आयोजन को सफल बनाने में प्रशासनिक मशीनरी भी पूरी तरह सक्रिय है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी सतीश चंद्रवशी ने कहा कि,

“यह न सिर्फ एक योग कार्यक्रम है, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता अभियान भी है। योग केवल शरीर की नहीं, समाज की भी शुद्धि है।”

उन्होंने बताया कि जनपद व जिला स्तर के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी विभागों के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।पतंजलि योग समिति द्वारा थाना प्रभारी छुरा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, परियोजना अधिकारी (महिला एवं बाल विकास), तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी से भी समन्वय कर विस्तृत चर्चा की गई, ताकि कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त रहें।

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योग: उपचार नहीं, जीवनशैली है

योगाचार्य शंकर लाल यदु ने कहा कि योग आज की भागदौड़ भरी दुनिया में एक ब्रह्मास्त्र है। उन्होंने कहा —

“योग कोई धार्मिक कर्मकांड नहीं, यह एक विज्ञान है। यह जीवन को संतुलित, संयमित और संतुष्ट बनाता है। यह रोगियों के लिए इलाज, साधकों के लिए साधना और आमजन के लिए ऊर्जा का स्रोत है।”

इस मौके पर उन्होंने विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों से अपील की कि वे योग को केवल 21 जून तक सीमित न रखें, बल्कि इसे दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।

योग कार्यक्रम ग्रामीण भारत

‘योग से निरोग भारत’ की दिशा में जनआंदोलन

अर्जुन धनंजय सिन्हा, जो स्वयं वर्षों से योग के प्रचार-प्रसार में सक्रिय हैं, ने कहा कि —

“योग केवल शरीर को लचीला नहीं बनाता, यह सोच को भी स्थिर करता है। आज जब हर कोई तनाव, थकान और जीवन की दौड़ में उलझा है, तब योग एक शरणस्थली है।”

उन्होंने कहा कि भारत की सबसे पुरानी और सबसे वैज्ञानिक परंपरा को फिर से जन-जन तक पहुंचाना आज की आवश्यकता है।

“योग से हम केवल रोगों से नहीं, असंतुलन, अव्यवस्था और अराजकता से भी लड़ सकते हैं।” उन्होंने दावा किया कि यदि हर व्यक्ति 30 मिनट योग को देता है, तो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ आधा हो जाएगा।

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सामाजिक समरसता का उत्सव भी है यह आयोजन

योग दिवस केवल स्वास्थ्य से जुड़ा आयोजन नहीं, यह समाज में सामूहिकता और समरसता का संदेश भी देता है। इसमें न जाति का भेद होता है, न धर्म का टकराव। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक एक ही चटाई पर, एक ही भाव से, एक ही लय में जुड़ते हैं — यही योग का असली चमत्कार है।

योग दिवस आदर्श शाला छुरा

जनप्रतिनिधियों और शिक्षण संस्थानों की भागीदारी

कार्यक्रम में शिक्षण संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य विभाग, स्व-सहायता समूहों तथा जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। विभिन्न स्कूलों में पूर्वाभ्यास कर छात्रों को तैयार किया जा रहा है।

 

अंत में…

21 जून का सूरज इस बार सिर्फ गर्मी नहीं लाएगा, बल्कि स्वास्थ्य, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा की नई किरणें भी लेकर आएगा। योग दिवस का यह आयोजन सिर्फ एक दिन का पर्व नहीं, बल्कि ‘निरोग भारत’ की ओर बढ़ते एक सशक्त कदम की शुरुआत है। छुरा इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा — जब सैकड़ों लोग एकसाथ प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और ध्यान के माध्यम से अपने शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में बांधेंगे।

भारत में योग आयोजन

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