
भारत में साइबर फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रहे हैं। तकनीकी एडवांसमेंट्स और एजेंसियों के सक्रिय होने के बावजूद भी भारत में हर साल करीब 177 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी होती है। UPI और डिजिटल पेमेंट्स जैसी सुविधाएं जहां एक तरफ लोगों के कई काम तो आसान बना ही रहे हैं, साथ ही ये साइबर अपराधियों को भी ठगी के लिए प्रेरित करते हैं। NCRP के डेटा के मुताबिक, हर दिन तकरीबन 6,000 से ज्यादा लोग साइबर अपराधियों के शिकार बनते हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में लोगों की लापरवाही की वजह से साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया जाता है।
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इन तरीकों से बना रहे ठगी के शिकार
साइबर अपराधी कई तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं, जिनमें सोशल इंजीनियरिंग, डिजिटल अरेस्ट, वायरस अटैक आदि का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। सोशल इंजीनियरिंग और डिजिटल अरेस्ट की वजह से सबसे ज्यादा साइबर फ्रॉड किया जाता है। सोशल इंजीनियरिंग से लोगों को अपनी जाल में फंसाना साइबर अपराधियों के लिए सबसे आसान जरिया बन गया है। लोगों को फ्री रिवॉर्ड, फ्री गिफ्ट, इन्वेस्टमेंट ऑफर आदि के नाम पर झांसे में फंसाया जाता है, फिन उनके साथ ठगी की जाती है। इसके अलावा फर्जी सीबीआई, पुलिस, कस्टम अधिकारी आदि के नाम पर डिजिटल अरेस्ट की घटना को अंजाम दिया जाता है।
सरकार ने चलाए हैं अवेयरनेस प्रोग्राम
सरकार ने लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए कई तरह के अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए हैं। इसके लिए राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल, चक्षु, संचार साथी जैसे ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किए गए हैं, ताकि साइबर फ्रॉड की घटनाओं को आसानी से रिपोर्ट किया जा सके। इसके अलावा हर राज्य में साइबर सेल बनाया गया है, जो इस तरह की घटनाओं पर कार्रवाई करने का काम करते हैं। यही नहीं, राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 भी जारी किया गया है, जिस पर कॉल करके साइबर फ्रॉड को रिपोर्ट किया जा सकता है।
दूरसंचार विभाग और दूरसंचार नियामक के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय फ्रॉड को रोकने के लिए कई आवश्यक कदम उठाएं हैं। फर्जी कॉलर्स को ब्लॉक करने के लिए मैकेनिज्म बनाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर साइबर अपराधियों द्वारा ट्रांजैक्शन किए जाने वाले बैंक अकाउंट्स को तत्काल फ्रीज किया जाता है। हालांकि, ये सभी नाकाफी हैं, जब तक आम लोग इसे लेकर अवेयर न हों। आप भी खुद को साइबर फ्रॉड से बचा सकते हैं, आपको थोड़ी सी सतर्कता बरतनी होगी।
भूलकर भी न करें ये गलती
- किसी भी अनजान नंबर से आने वाले कॉल और मैसेज को इग्नोर करें।
- अनजान नंबर से आने वाले मैसेज में दिए लिंक को गलती से भी ओपन न करें।
- फ्री रिवॉर्ड और गिफ्ट वाले मैसेज या कॉल्स आपको फंसाने के लिए होते हैं, इन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज करें।
- बैंकिंग वाले कॉल्स किसी मोबाइल नंबर से आए तो उसे पूरी तरह इग्नोर करें। बैंकों के लिए दूरसंचार विभाग ने नई नंबर सीरीज की घोषणा की है, जो 160 से शुरू होती है। पुराने 140 सीरीज को हटा दिया गया है।
- वाट्सऐप, SMS या फिर ई-मेल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी निजी जानकारियां और डॉक्यूमेंट्स गलती से भी शेयर न करें।
- किसी जांच एजेंसी, पुलिस या फिर कस्टम अधिकारी आदि के नाम से आने वाले कॉल्स पूरी तरह से फर्जी होते हैं। उन कॉल्स पर किसी भी तरह भरोसा न करें। AI जेनरेटेड वीडियो कॉलिंग और वॉइस के जरिए साइबर अपराधी आप पर अटैक कर सकते हैं।