CG: गरियाबंद में रेत माफियाओं की नींद उड़ गई – सुबह 6 बजे से प्रशासन की ताबड़तोड़ दबिश, 6 वाहन जब्त, खनिज माफियाओं में हड़कंप

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)।गरियाबंद में रेत माफियाओंकी नींद उड़ गई – जिले में अवैध खनन और रेत परिवहन के खिलाफ जिला प्रशासन ने ऐसी सख्ती दिखाई है कि रेत माफियाओं के होश उड़ गए हैं। कलेक्टर बीएस उइके के स्पष्ट निर्देश के बाद खनिज विभाग, राजस्व, पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने आज सुबह 6 बजे गरियाबंद, राजिम और कोपरा क्षेत्रों में एक साथ धावा बोला। इस कार्रवाई में 6 रेत से लदे वाहन पकड़े गए, जिसमें राजिम क्षेत्र से 2 हाइवा और कोपरा क्षेत्र से 4 ट्रैक्टर शामिल हैं।

प्रशासन की इस कार्रवाई की भनक लगते ही रेत माफिया खेतों, खदानों और नदी किनारे के रास्तों में अपने वाहनों को छिपाने की कोशिश में जुट गए। लेकिन प्रशासन पहले से ही हर संभावित रास्ते की नाकेबंदी कर चुका था। खनिज अधिकारी, तहसीलदार और पुलिस बल की टीमों ने अलग-अलग दिशाओं में दबिश देकर वाहनों को पकड़ा।
चार दिनों में 11 वाहन जब्त, अवैध भंडारण भी उजागर
पिछले चार दिनों में गरियाबंद जिले में अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ जमकर कार्रवाई हुई है।
- 11 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें
- 10 अवैध परिवहन के मामले हैं और
- 1 बड़ा अवैध भंडारण प्रकरण शामिल है।
- लचकेरा गांव में 75 ट्रिप (ट्रैक्टर) रेत का अवैध भंडारण पकड़ा गया, जिसने प्रशासन को चौंका दिया।
- वहीं, गिट्टी के अवैध परिवहन में 4 हाइवा वाहन भी जब्त किए गए। इनमें से 3 हाइवा पुलिस लाइन गरियाबंद में और 1 पांडुका थाना क्षेत्र में रखे गए हैं।
ऑपरेशन ‘सख्ती’ – माफियाओं में डर का माहौल
जिले भर में प्रशासन का यह अभियान ‘ऑपरेशन सख्ती’ के नाम से चलाया जा रहा है।
हर रेत घाट, स्टोरेज पॉइंट, नदी किनारे के अवैध खनन स्थलों और मुख्य मार्गों पर निगरानी के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं।
- मौके पर जांच
- वाहनों के दस्तावेजों की जांच
- खनिज परिवहन अनुमति की वैधता की पुष्टि
हर स्तर पर बारीकी से जांच की जा रही है। खनिज अधिकारी का कहना है कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ वाहन जब्ती नहीं बल्कि पूरे अवैध नेटवर्क को तोड़ना है।
कलेक्टर बीएस उइके का सख्त संदेश
कलेक्टर बीएस उइके ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि –
“जिले में अवैध खनन और रेत परिवहन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
उनके इस बयान के बाद न सिर्फ खनिज माफिया बल्कि रेत घाटों से जुड़े छोटे-बड़े ठेकेदार और दलाल भी सहमे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो कई वाहन मालिकों ने अपने वाहन रात में ही गांवों के अंदरूनी इलाकों में खड़ा कर दिए हैं ताकि कार्रवाई से बचा जा सके।
पर्यावरण प्रेमियों का स्वागत, आमजन में संतोष
वहीं, प्रशासन की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय लोग बेहद खुश हैं। रेत के अवैध उत्खनन से
- नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो रहा था,
- नदियों का तल नीचे जा रहा था,
- आसपास के गांवों के कुएं और बोरवेल सूखने लगे थे, और
- सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही थीं क्योंकि ओवरलोड ट्रकों का सीधा असर ग्रामीण सड़कों पर पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन इसी तरह सख्त रवैया बनाए रखे तो माफियाओं का आतंक और पर्यावरण विनाश दोनों पर रोक लगेगी।
आगे भी जारी रहेंगी कार्रवाई
खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
- किसी भी क्षेत्र से अवैध खनन की सूचना मिलते ही दबिश दी जाएगी।
- दोषियों पर भारी जुर्माना,
- वाहन जब्ती,
- और विधिक कार्यवाही की जाएगी।
- साथ ही, लाइसेंस रद्द करने की भी कार्रवाई की जाएगी।
“किसी को बख्शा नहीं जाएगा” – प्रशासन
प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि चाहे वाहन मालिक हों, ठेकेदार, परिवहनकर्ता या खदान संचालक – यदि कोई अवैध गतिविधि में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ बिना किसी दबाव के कड़ी कार्रवाई की जाएगी।