CG: गरियाबंद में अवैध रेत कारोबार पर 24×7 ‘ऑपरेशन क्लीन’ का ऐलान

विधायक-कलेक्टर-एसपी की बैठक में माफियाओं को साफ संदेश – “अब नहीं चलेगा गैरकानूनी धंधा”

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले में लंबे समय से बेलगाम हो चुके अवैध रेतऔर खनिज कारोबार पर अब प्रशासन ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। शुक्रवार को गरियाबंद विधायक रोहित साहू, कलेक्टर बीएस उइके, पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा, डीएफओ, एसडीएम राजिम और खनिज अधिकारी के साथ जिले के सभी संबंधित अधिकारियों की महत्वपूर्ण और निर्णायक बैठक आयोजित हुई। बैठक का मकसद साफ था – खनिज माफियाओं की कमर तोड़ना और अवैध कारोबार पर ताला लगाना।
बैठक के दौरान विधायक रोहित साहू ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया कि रेत और अन्य खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर अब किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा,
“यह मामला सिर्फ राजस्व या खनिज विभाग का नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था, पर्यावरण सुरक्षा और समाज के व्यापक हित से जुड़ा है। जिले में कानून का राज दिखना चाहिए। जनता को भी यह भरोसा होना चाहिए कि प्रशासन माफियाओं के आगे झुकेगा नहीं।”
बैठक के प्रमुख फैसले इस प्रकार रहे –
- राजिम वनोपज जांच चौकी पर 24×7 निगरानी – यहाँ दिन-रात तैनाती रहेगी। कोई भी ट्रक, हाईवा, ट्रैक्टर-ट्रॉली बिना वैध दस्तावेजों के गुजर नहीं सकेगा।
- संयुक्त जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन – जिसमें पुलिस, खनिज, राजस्व और वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। यह टास्क फोर्स हर दिन गश्त करेगी, संदिग्ध वाहनों की जांच करेगी और तत्काल कार्रवाई करेगी।
- चिन्हित क्षेत्रों में विशेष निगरानी अभियान – जहां से लगातार रेत की चोरी और अवैध परिवहन की शिकायतें मिल रही हैं, वहां सीसीटीवी कैमरे, नाकाबंदी और गश्ती दल तैनात किए जाएंगे।
- कठोर दंडात्मक कार्रवाई – सिर्फ जुर्माना वसूली तक सीमित न रहकर खनिज अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।
- प्रशासनिक जवाबदेही तय – यदि किसी क्षेत्र में बार-बार अवैध उत्खनन की शिकायत मिलती है, तो संबंधित अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
बैठक में मौजूद खनिज अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में की गई कार्रवाइयों से माफियाओं में हड़कंप मचा है। हाल ही में कई ट्रैक्टर और हाईवा जब्त किए गए हैं। अधिकारी ने कहा,
“अब हमारा फोकस सिर्फ चालान और जब्ती पर नहीं बल्कि इस धंधे को पूरी तरह बंद करने पर है। जिले के हर कोने में निगरानी बढ़ाई जाएगी।”
एसपी निखिल राखेचा ने भी स्पष्ट किया कि पुलिस अब सक्रिय भागीदारी निभाएगी। उन्होंने कहा,
“खनिज माफिया और अवैध परिवहन करने वालों के खिलाफ IPC और MMDR एक्ट के तहत केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई होगी। बार-बार पकड़े जाने वालों पर गुंडा एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी विचार किया जाएगा।”
बैठक में कलेक्टर बीएस उइके ने कहा,
“जिले में अवैध रेत कारोबार ने ना सिर्फ नदियों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है बल्कि राजस्व की भी हानि कराई है। यह माफिया मजदूरों का शोषण भी करते हैं। अब हर स्तर पर कार्रवाई होगी। कोई भी राजनीतिक या अन्य दबाव काम नहीं आएगा।”
क्या है पृष्ठभूमि?
गरियाबंद जिले के महानदी, पैरी, सोंढूर, सोंढूर नाला और पितईबंद के किनारे कई जगह अवैध रेत खदानों का संचालन लीजधारकों की आड़ में या पूरी तरह अवैध रूप से होता रहा है। ट्रैक्टर, डंपर और हाईवा के जरिए रोजाना सैकड़ों ब्रास रेत का परिवहन बिना रॉयल्टी भुगतान के किया जाता है। खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई कई बार चर्चा में रही है, लेकिन अब तक माफिया नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं हो सका।
प्रशासन का संदेश साफ
विधायक, कलेक्टर और एसपी ने संयुक्त रूप से कहा –
“यह अंतिम चेतावनी है। कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जिले में अवैध खनन अब नहीं चलेगा, कानून का राज होगा।”
इस ऐलान के बाद जिलेभर में चर्चाएं तेज हैं कि क्या प्रशासन इस बार वाकई खनिज माफियाओं की जड़ें उखाड़ सकेगा, या फिर यह भी महज एक बैठक और घोषणा बनकर रह जाएगी। अगले कुछ दिनों में ऑपरेशन क्लीन की जमीनी हकीकत सामने आएगी।