ब्रेकिंग: फौती के लिए ₹5000 रिश्वत मांगने का आरोप, पटवारी पर भड़के ग्रामीण – अब रायगढ़ कलेक्टर कार्यालय घेराव की चेतावनी

रायगढ़(गंगा प्रकाश)। फौती के लिए ₹5000 रिश्वत मांगने का आरोप: रायगढ़ जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा उबाल पर है। लैलूंगा विकासखंड अंतर्गत हल्का नंबर 23 की पटवारी संगीता गुप्ता पर फौती नामांतरण के बदले ₹5000 रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। सुबरा गांव की गौरी बाई सिदार ने पंचायत बैठक में यह सनसनीखेज खुलासा किया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

गौरी बाई ने बताया कि उनके पति की मृत्यु के बाद जमीन के फौती नामांतरण के लिए पटवारी संगीता गुप्ता ने ₹5000 की मांग की थी। “मैंने ₹3000 पहले ही दे दिए थे, लेकिन उसके बाद भी काम लटकता रहा। जब भी पूछने जाती, वह कहती – बाकी पैसे दे दो, तभी फौती चढ़ेगा।” गौरी बाई की यह बात सुनते ही पंचायत में मौजूद अन्य ग्रामीण भी भड़क उठे और उन्होंने खुलकर आरोपों का समर्थन किया।
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पंचायत में पेश हुआ पंचनामा, वीडियो वायरल
इस पूरे घटनाक्रम का पंचनामा भी पंचायत में प्रस्तुत किया गया। मौजूद पंचों और ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने पंचायत सचिव की उपस्थिति में शिकायत दर्ज की। इस दौरान पंचायत बैठक का वीडियो बन रहा था, जो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है। वीडियो में साफ देखा और सुना जा सकता है कि कैसे गौरी बाई सिदार पटवारी द्वारा मांगी गई रिश्वत का पूरा ब्यौरा दे रही हैं।
“हर काम में लेती है पैसा, प्रशासन चुप बैठा है” – ग्रामीण
पंचायत में मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि पटवारी संगीता गुप्ता का यह रवैया नया नहीं है। हर राजस्व कार्य में अवैध वसूली की शिकायतें पहले भी सामने आई हैं। सुबरा के ही एक अन्य किसान ने बताया, “नामांतरण हो, बंटवारा हो या फौती – हर काम के बदले पैसा मांगा जाता है। जब तक जेब से पैसा नहीं निकालो, पटवारी दीदी कल-कल करती रहती हैं। ऐसा लगता है जैसे उनकी कुर्सी नहीं, दुकान हो।”
ग्राम पंचायत के एक पंच ने आरोप लगाया कि इस तरह की भ्रष्टाचार की शिकायतें कई बार लैलूंगा तहसील और एसडीएम कार्यालय तक पहुंचाई गईं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। “जब तक कोई बड़ा आंदोलन नहीं होगा, ये लोग नहीं सुधरेंगे,” पंच ने कहा।
आक्रोश चरम पर, कलेक्टर कार्यालय घेराव की चेतावनी
इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया है। पंचायत के निर्णय के अनुसार, यदि पटवारी संगीता गुप्ता पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामवासी रायगढ़ कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे। गांव की महिलाओं ने भी साफ शब्दों में कहा कि वे न्याय मिलने तक चुप नहीं बैठेंगी। “अगर यहां सुनवाई नहीं हुई, तो रायपुर मुख्यमंत्री निवास तक जाएंगे,” गौरी बाई ने ऐलान किया।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में पटवारियों पर भ्रष्टाचार के ऐसे आरोप लगे हों। सरकार लगातार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट नजर आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि राजस्व विभाग के निचले स्तर के अधिकारी खुलेआम वसूली कर रहे हैं।
एक किसान नेता ने कहा, “जब तक कलेक्टर और एसडीएम खुद जाकर जांच नहीं करेंगे, रिश्वतखोरी बंद नहीं होगी। यह गरीब किसानों का शोषण है, जो जमीन का हक पाने के लिए भी घूस देने को मजबूर हैं।”
क्या करेगी सरकार?
अब सवाल यह है कि पंचायत में पेश पंचनामा, वायरल वीडियो और जनप्रतिनिधियों के समर्थन के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई करेगा या यह मामला भी पुरानी फाइलों में दबा दिया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है,
“इस बार हम चुप नहीं बैठेंगे। या तो रिश्वतखोर पटवारी पर कार्रवाई होगी, या फिर लैलूंगा की धरती बड़े जनआंदोलन की गवाह बनेगी।”
संपादकीय टिप्पणी
यह घटना स्थानीय प्रशासन, राजस्व विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक कड़ी चेतावनी है कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो लैलूंगा जैसे गांवों में पनप रहा असंतोष जल्द ही सड़क से विधानसभा तक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।