CG : ‘मन की बात’ सुनने के बाद गरियाबंद में बोले विधायक रोहित साहू – “जनभागीदारी ही राष्ट्र निर्माण की असली ताकत”

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 123वीं कड़ी ने रविवार को पूरे देश को एक बार फिर प्रेरणा, जोश और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। गरियाबंद भी इस आयोजन में पीछे नहीं रहा। यहां के विधायक रोहित साहू ने अपने निवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं, समाजसेवियों, गणमान्य नागरिकों और युवाओं के साथ सामूहिक श्रवण किया। कार्यक्रम के दौरान हर चेहरा उत्साह और गर्व से दमक रहा था, मानो प्रधानमंत्री का संदेश सीधे उनकी आत्मा को छू रहा हो।

कार्यक्रम के बाद विधायक रोहित साहू ने मीडिया से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की सोच देश के हर नागरिक को जोड़ती है। ‘मन की बात’ सिर्फ एक रेडियो कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत के सामान्य जन के असाधारण योगदान को सलाम है। ऐसे विषयों को सामने लाना जो समाज को जोड़ें, प्रोत्साहित करें और देश को आगे बढ़ने का संकल्प दें – यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।”
उन्होंने कहा कि आज के एपिसोड में प्रधानमंत्री ने योग दिवस की वैश्विक स्वीकार्यता, पर्यावरण संरक्षण में आम जनता की भागीदारी, महिलाओं की शक्ति, भारत के अंतरिक्ष अभियानों, ऐरी सिल्क जैसे स्वदेशी उत्पादों और ट्रैकोमा जैसी बीमारी के उन्मूलन जैसे विषयों पर चर्चा की, जिससे स्पष्ट है कि भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है और विश्वगुरु बनने का सपना साकार करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
विधायक साहू ने प्रधानमंत्री के इस संदेश को भी दोहराया कि “छोटे प्रयास बड़े परिणाम लाते हैं। यह बात हर व्यक्ति के जीवन और राष्ट्र निर्माण के लिए समान रूप से लागू होती है। अगर हर नागरिक अपने स्तर पर सकारात्मक और जनहितकारी प्रयास करे तो समाज में अद्भुत बदलाव आ सकता है। छत्तीसगढ़ में भी हम इसी सोच के साथ काम कर रहे हैं, जहां हर योजना में जनता की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है।”
आपातकाल की याद – लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प
कार्यक्रम के दौरान जब प्रधानमंत्री ने 1975 के आपातकाल को याद किया, तो विधायक साहू भी भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, “आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय था। अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतांत्रिक संस्थाओं का दमन हुआ। लेकिन इसने पूरे देश को यह भी सिखाया कि लोकतंत्र की असली कीमत क्या होती है। हमें सतर्क रहना होगा ताकि भविष्य में ऐसा कभी न हो। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हर नागरिक की जिम्मेदारी है।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री का यह स्मरण हमें चेतावनी देता है कि जब भी लोकतंत्र खतरे में होगा, तब-तब हम सबको उसकी हिफाजत के लिए खड़ा होना होगा। आज भारत पूरी दुनिया में लोकतंत्र की मिसाल है, और इसकी मजबूती हमारी जागरूकता से ही संभव है।”
कार्यकर्ताओं का जोश, जनता का विश्वास
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, युवा मोर्चा के सदस्य, महिला मोर्चा की बहनें, स्थानीय जनप्रतिनिधि, वार्ड पार्षद, सरपंचगण और समाजसेवी उपस्थित रहे। ‘मन की बात’ के प्रसारण के बाद सभी ने प्रधानमंत्री के विचारों की सराहना की और उन्हें गांव-गांव, घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया।
एक युवा कार्यकर्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री का हर शब्द हमें जीवन में सकारात्मक सोच और राष्ट्रभक्ति की भावना देता है। आज का एपिसोड बेहद प्रेरणादायी था।”
वहीं, महिला मोर्चा की एक कार्यकर्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री का महिलाओं पर भरोसा और उनका उत्साहवर्धन हर महिला के आत्मविश्वास को बढ़ाता है। हम भी समाज के हर क्षेत्र में अपना योगदान देंगे।”
‘विकसित भारत’ का सपना – जनसहभागिता से होगा साकार
विधायक साहू ने कार्यक्रम के अंत में कहा, “प्रधानमंत्री का ‘विकसित भारत’ का विजन सिर्फ सरकारी योजनाओं से पूरा नहीं होगा। इसके लिए हर नागरिक को आगे आना होगा। युवा, किसान, महिला, उद्यमी, हर कोई अगर राष्ट्र निर्माण में हिस्सेदारी निभाए, तो भारत को कोई ताकत नहीं रोक सकती। यही सच्चा अमृतकाल है।”
‘मन की बात’ का यह 123वां संस्करण जहां देश की उपलब्धियों की झलक दिखाता है, वहीं यह हर भारतीय को यह अहसास भी कराता है कि वह सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि भारत के उज्ज्वल भविष्य का सृजनकर्ता है।
विधायक रोहित साहू जैसे जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता इस कार्यक्रम को और अधिक जनोन्मुखी, प्रेरणादायी और प्रभावशाली बना रही है। आज गरियाबंद ने यह साबित किया कि छोटे-छोटे जिलों और गांवों से ही राष्ट्र निर्माण की असली ताकत निकलती है।