
अरविन्द तिवारी
जयपुर (गंगा प्रकाश)– विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल में शामिल रहे श्रीपंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी धर्मेंद्र महाराज (80वर्षीय) का लम्बी बिमारी के बाद जयपुर के सवाई मान सिंह सरकारी अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि लंबे समय से वे आंत की बीमारी से पीड़ित थे और 28 अगस्त से सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार जयपुर के पास विराटनगर में स्थित उनके मठ में किया जायेगा। गौरतलब है कि आचार्य धर्मेंद्र के स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी जानकारी ली थी। इसके अलावा राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सहित कई आला नेता भी लगातार उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित अनेक नेताओं ने आचार्य के निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे आध्यात्मिक जगत के एक अपूरणीय क्षति बताया है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा है कि समाज और राष्ट्र सेवा में समर्पित श्रीमद् पंचखंड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के लिये एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने शोक जताते हुये ट्वीट किया है कि पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र जी के निधन से दुखी हूं। सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने व श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक ले जाने में उनका अतुलनीय योगदान रहा। उनके विचार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। मैं उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। वहीं राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया सहित अनेक नेताओं सहित देश भर में हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों ने भी आचार्य धर्मेंद्र के निधन पर शोक जताया है।
गौरतलब है कि रामचन्द्र वीर महाराज के पुत्र आचार्य धर्मेंद्र का जन्म 09 जनवरी 1942 को गुजरात के मालवाडा में हुआ। उन पर पिता महात्मा रामचन्द्र वीर महाराज के आदर्शों और व्यक्तित्व का प्रभाव पड़ा। आचार्य ने मात्र तेरह साल की उम्र में वज्रांग नाम से एक समाचार पत्र निकाला। राजस्थान के जयपुर में रहने वाले आचार्य धमेन्द्र का जयपुर के दिल्ली रोड पर कोठपूतली के नजदीक विराटनगर में मठ है। वे इसी मठ में रहकर साधना करते थे। श्रीपंचखंड पीठ में साधना करने वाले आचार्य धमेन्द्र महाराज विश्व हिंदु परिषद के मार्गदर्शक रहे और गायों की हत्या से जुड़े बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया। वे श्रीराम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे थे। आचार्य धर्मेंद्र ने लंबे समय तक राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़कर अपना योगदान दिया था। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। वे राम मंदिर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखते थे। बाबरी विध्वंस मामले में जब फैसला आने वाला था तब उन्होंने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं आरोपी नंबर वन हूं। सजा से डरना क्या ? जो किया सबके सामने किया। आचार्य स्वामी धर्मेंद्र के दो बेटे सोमेन्द्र शर्मा और प्रणवेन्द्र शर्मा हैं। सोमेन्द्र की पत्नी और आचार्य की पुत्रवधू अर्चना शर्मा वर्तमान में गहलोत सरकार में समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष हैं।