CG: रायगढ़ – तमनार जंगल कटाई पर AAP का हमला – भूपेश बघेल जी नैतिकता की बातें न करें, हसदेव अरण्य की याद दिलाई
रायपुर/रायगढ़ (गंगा प्रकाश)। रायगढ़ – तमनार क्षेत्र में चल रही भीषण जंगल कटाई और अडानी समूह की परियोजनाओं को लेकर आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ ने कांग्रेस और भाजपा – दोनों पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने कहा कि “आज जो भूपेश बघेल और कांग्रेस तमनार जंगल कटाई का विरोध करने की नौटंकी कर रहे हैं, वे शायद भूल गए हैं कि 2022 में हसदेव अरण्य की 80,000 पेड़ काटने की अनुमति खुद उनकी सरकार ने दी थी। हजारों आदिवासियों ने उस समय रायपुर पहुँचकर गुहार लगाई, मगर भूपेश बघेल जी ने मिलने का समय तक नहीं दिया। ऐसे में आपके पास आज विरोध करने का नैतिक अधिकार बचा ही नहीं है।”

गोपाल साहू ने कहा कि “यह दिखाता है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों का उद्देश्य एक ही है – छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा को बड़े कॉरपोरेट घरानों को बेचना। कांग्रेस के राज में हसदेव अरण्य उजड़ा, अब भाजपा के राज में तमनार उजड़ रहा है। दोनों पार्टियाँ आदिवासियों की पीठ पर छुरा घोंपकर, उनके जंगल-जमीन-पानी को अडानी जैसे उद्योगपतियों के चरणों में डाल रही हैं।”
‘केदार कश्यप का पुराना बयान याद रखें’ – चमन यादव
AAP के रायगढ़ जिलाध्यक्ष चमन यादव ने कहा, “जब हसदेव अरण्य के जंगल काटे जा रहे थे, तब भाजपा नेता केदार कश्यप और रामविचार नेताम ने कहा था कि जंगल नहीं कटना चाहिए। आज केदार कश्यप राज्य के वन मंत्री हैं। क्या वे अपने पुराने वादे को निभाएंगे या फिर भाजपा भी कांग्रेस की तरह अडानी की गोद में बैठकर आदिवासियों की जमीन और जंगल कटवाएगी?”
उन्होंने कहा कि “हसदेव अरण्य हो या तमनार, दोनों जगहों पर आदिवासी समुदाय का जीना मुश्किल हो गया है। हजारों परिवार विस्थापन के डर में हैं। सरकारें कहती हैं विकास होगा, लेकिन इस विकास का मतलब जंगल और जमीन छीनना नहीं हो सकता। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने आदिवासियों को धोखा दिया है। दोनों ने फर्जी ग्रामसभाओं के दस्तावेज तैयार कराये, झूठी सहमति बताई, और भारी पुलिस बल तैनात कर आदिवासियों की आवाज दबा दी।”
‘दोनों पार्टियों की मंशा छत्तीसगढ़ को लूटना है’ – हरीश कुमार पटेल
AAP यूथ विंग के जिलाध्यक्ष हरीश कुमार पटेल ने कहा कि “हसदेव अरण्य में भी कांग्रेस और भाजपा की मिलीभगत थी, तमनार में भी वही कहानी दोहराई जा रही है। हजारों साल पुराने जैवविविधता युक्त घने जंगल, जिनमें न सिर्फ लाखों पेड़ बल्कि हाथी, तेंदुआ, भालू, सैकड़ों वन्य प्रजातियाँ रहती हैं, उनका निर्मूलन कर दिया जाएगा। इस जंगल कटाई से सिर्फ पर्यावरणीय संकट नहीं आएगा, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का जल स्रोत और मौसम चक्र भी प्रभावित होगा। छत्तीसगढ़ की नदियाँ, मिट्टी और आदिवासी संस्कृति – सब पर खतरा मंडरा रहा है।”
उन्होंने कहा कि “हसदेव अरण्य की कटाई पर दोष सिर्फ कांग्रेस का नहीं था। भाजपा सरकार ने भी केंद्र से उस परियोजना को मंजूरी दी थी। दोनों पार्टियों ने मिलकर आदिवासियों को उजाड़ने का काम किया। तमनार में भी यही खेल चल रहा है। भाजपा-कांग्रेस दोनों की मंशा छत्तीसगढ़ को लूटना है।”
‘आदिवासी विकास के नाम पर विनाश’
AAP नेताओं ने कहा कि जिस तरह ग्रामसभाओं की सहमति के फर्जी दस्तावेज बनाकर और भारी पुलिस फोर्स के बीच पेड़ों की कटाई की जा रही है, वह साफ दिखाता है कि इन सरकारों को आदिवासी अधिकार, संविधान की पांचवी अनुसूची, PESA कानून या वनाधिकार कानून की कोई परवाह नहीं है। “विकास के नाम पर विनाश का यह मॉडल बंद होना चाहिए। अगर आदिवासी अपनी ही जमीन और जंगल नहीं बचा सकते तो संविधान, कानून और लोकतंत्र पर से उनका विश्वास पूरी तरह उठ जाएगा,” पार्टी नेताओं ने चेताया।
AAP का एलान – आंदोलन होगा
प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने कहा कि आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ तमनार जंगल कटाई का विरोध करेगी और जल्द ही इस मुद्दे पर रायगढ़ में विशाल जनसभा और आंदोलन की घोषणा की जाएगी। “हम हर उस आदिवासी, किसान और नागरिक के साथ हैं जो जंगल बचाना चाहते हैं। कांग्रेस और भाजपा की लूटनीति के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी,” उन्होंने कहा।