CG:“करही के सरकारी स्कूल में भरा पानी: पढ़ाई ठप, मासूमों का भविष्य पानी में बहता दिख रहा”
सक्ती/जैजैपुर(गंगा प्रकाश)। करही के सरकारी स्कूल में भरा पानी:बरसात आते ही छत्तीसगढ़ के गांवों की सच्चाई फिर उजागर हो गई है। जैजैपुर विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला करही का हाल ऐसा है, मानो स्कूल नहीं बल्कि तालाब हो। लगातार बारिश से स्कूल परिसर में इतना पानी भर गया है कि वहां बच्चों का पहुंच पाना मुश्किल हो गया है। जो बच्चे किसी तरह स्कूल तक पहुंच भी रहे हैं, उनकी पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है। यह हालात कोई नए नहीं हैं, लेकिन इस बार समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि पढ़ाई पूरी तरह ठप पड़ गई है। स्कूल के मासूम बच्चों का भविष्य पानी में बहता नजर आ रहा है और शिक्षा विभाग अब भी अपनी गहरी नींद से नहीं जागा है।

स्कूल परिसर बना तालाब, बच्चों के पैरों में घुटनों तक पानी
स्कूल के प्रधान पाठक रमेश कुमार शुक्ला बताते हैं –
“लगातार बारिश से स्कूल में चारों तरफ पानी भरा है। बच्चे नहीं आ पा रहे हैं और जो आते भी हैं, उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही। कई बार शिक्षा विभाग को बताया लेकिन न तो पक्का मैदान बना और न ही पानी निकासी की व्यवस्था हुई।”
स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि सुबह-सुबह जब बच्चे आते हैं तो उनके पैरों में घुटनों तक पानी लग रहा है। गंदा पानी, कीचड़ और जमीन पर फिसलन से हर दिन किसी बड़े हादसे का डर बना रहता है। क्लासरूम तक पहुंचने में बच्चों की यूनिफॉर्म भीग जाती है। बारिश के पानी में कीड़े-मकोड़े तैरते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हैं। कई छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं लेकिन पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए जैसे-तैसे स्कूल पहुंच रहे हैं।
हर साल वही समस्या, कोई स्थायी समाधान नहीं
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि करही स्कूल की यह समस्या हर साल बारिश में सामने आती है। कई बार पंचायत, जनपद, विधायक और जिला शिक्षा विभाग को आवेदन दिया गया लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। स्कूल के पास की नालियों की सफाई नहीं होती, जिससे बरसात का पानी परिसर से निकल नहीं पाता और पूरा स्कूल परिसर तालाब में तब्दील हो जाता है।

अभिभावकों में नाराजगी, बच्चों का भविष्य खतरे में
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता बेहद परेशान हैं। बच्चों की मां ममता बाई कहती हैं –
“कई दिन से बच्चा स्कूल नहीं जा पा रहा। पानी में बीमार हो जाएगा तो इलाज के पैसे भी नहीं हैं। सरकार स्कूल में पक्का मैदान और पानी निकासी का इंतजाम क्यों नहीं कर रही? पढ़ाई रुक रही है। गरीब के बच्चे का भविष्य कौन सुधारेगा?”
कुछ अभिभावकों ने कहा कि बच्चों को मजबूरी में घर पर ही बिठाना पड़ रहा है क्योंकि स्कूल परिसर में भरा पानी कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। सांप-बिच्छू और जहरीले कीड़ों का डर बना रहता है। स्कूल प्रबंधन की लाख कोशिशों के बावजूद विभाग से कोई मदद नहीं मिल रही।
शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर
शिक्षक रमेश शुक्ला ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने कई बार शिक्षा विभाग को समस्या से अवगत कराया। स्कूल में पक्का मैदान बनाने, नालियों की सफाई और पानी निकासी की मांग की गई। पर विभाग ने कोई पहल नहीं की।
“बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, लेकिन हम भी मजबूर हैं। क्लासरूम तक पानी आ गया है। इतनी खराब व्यवस्था में पढ़ाना भी मुश्किल है। सरकार कहती है हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है लेकिन यहां बच्चों को स्कूल में बैठने का भी अधिकार नहीं मिल पा रहा।”
स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सवाल
ग्रामीणों ने जैजैपुर के जनप्रतिनिधियों पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि चुनाव में शिक्षा सुधार के बड़े-बड़े वादे होते हैं लेकिन असल में स्कूल की जमीन में पानी और कीचड़ के अलावा कुछ नजर नहीं आता। बच्चों की पढ़ाई का हक भी नेताओं और अफसरों की उदासीनता की भेंट चढ़ता दिख रहा है।
जरूरी है त्वरित कार्यवाही
स्कूल के शिक्षकों, ग्रामीणों और छात्रों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द स्कूल परिसर की साफ-सफाई, नाली निर्माण और पानी निकासी की व्यवस्था कराई जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई फिर से सुचारू रूप से शुरू हो सके। वरना आने वाले दिनों में पूरे गांव की नई पीढ़ी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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