
भोपाल(गंगा प्रकाश):-कूनो नेशनल पार्क में आए भूखे चीतों को परीक्षण के बाद खाने में पहली बार भैंसे का मीट दिया गया। वहीं उनकी हर एक्टिविटी पर नामीबिया के पशु चिकित्सकों ने 24 घंटे नजर रखी और इसी आधार पर हेल्थ परीक्षण किया।
नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि धीरे-धीरे चीते जंगल में ढल रहे हैं। इसी दौरान एक और खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि जल्द ही चीतों को 50 नए दोस्त मिलने वाले हैं। कूनो नेशनल पार्क में चंबल नेशनल पार्क से 50 घड़ियाल लाकर छोड़े जाएंगे। डीएफओ स्वरूप दीक्षित ने बताया कि मुरैना के देवरी सेंटर में पल रहे घड़ियालों के बच्चों में से 50 का स्लॉट कूनो नदी में भेजा जाएगा। इनको लेकर भोपाल वाइल्डलाइफ से स्वीकृति मिल गई है।मुरैना की चंबल में स्थित घड़ियाल सेंचुरी है। यह एशिया की सबसे बड़ी सेंचुरी मानी जाती है। एशिया में सबसे ज्यादा घड़ियाल यही पाए जाते हैं। यही कारण है कि अब चीतों के लिए घड़ियाल मेहमान बनकर कूनो नदी में जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 50 से अधिक घड़ियाल के बच्चे कूनो नदी में छोड़ जाएंगे।कूनो नेशनल पार्क में आए भूखे चीतों को परीक्षण के बाद खाने में पहली बार भैंसे का मीट दिया गया। वहीं उनकी हर एक्टिविटी पर नामीबिया के पशु चिकित्सकों ने 24 घंटे नजर रखी और इसी आधार पर हेल्थ परीक्षण किया गया। पहले दिन रात तक चीतों का आठ बार परीक्षण किया गया।कूनो नेशनल पार्क के रेंजर यशबंधु ने बताया कि जब से चीतों को कंपार्टमेंट में क्वारंटाइन किया गया है तब से उनके पास कोई नहीं गया है। हालांकि बाहर से उनकी एक्टिविटी दिखाई दे रही है। उन्होंने तीन-चार बार पानी पीया। कुछ देर बाड़े में टहले। रविवार शाम को उन्हें भैंस का मांस खाने को दिया गया। जिसे सभी चीतों ने खाया।