
राधे पटेल
मैनपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ प्रदेश में रसोईया संघ अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गये है जिसके चलते गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के शासकीय स्कूलो में मध्यान भोजन व्यवस्था गड़बड़ा गई है कई स्कूलो में मध्यान भोजन नही बन पा रहा है तो कई स्कूलो में स्वयं प्रधान पाठक और शिक्षक मध्यान भोजन बनाकर बच्चो को खिला रहे है। मध्यान भोजन बनाने वाले रसोईया संघ द्वारा तीन सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल में चले जाने से स्कूलो में मिड डे मिल का काम प्रभावित हो रहा है कई स्कूलो में शिक्षक स्वयं चुल्हा फुककर बच्चो को खाना खिला रहे है।
तहसील मुख्यालय मैनपुर के कई प्राथमिक शाला में रसोईया संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले से विगत सप्ताह भर से मध्यान्ह भोजन योजना बंद है जिससे बच्चों को मध्यान्ह भोजन का लाभ नही मिल रहा है बच्चों को दी जाने वाली गर्म भोजन मिड डे मील जो कि सरकार की महती योजना है और यह योजना गरीब असहाय बच्चों के लिये भुख मिटाने मिल का पत्थर साबित होती है कई बच्चे इस योजना पर ही अपने दैनिक जीवनचर्या भोजन हेतु उपयुक्त करते है। विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर दिया है की रसोईया संघ के अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने के कारण मध्यान्ह भोजन योजना प्रभावित न होे जिस स्कूल में स्व सहायता समूह के माध्यम से मध्यान भोजन योजना बनाई जाती है उसी समूह के माध्यम से ही मध्यान भोजन तैयार कर बच्चों को दी जावे परंतु विकासखंड शिक्षा अधिकारी के आदेश के बावजूद भी क्षेत्र के कई स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बच्चों को नहीं दी जा रही है मैनपुर विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष पिछड़ी जनजातियों रहती है जोकि दोपहर में पूर्ण रूप से मध्यान भोजन पर ही आश्रित रहते हैं फिर भी विकास खंड शिक्षा अधिकारी के आदेश को अनदेखा कर चूल्हा तक जलाना नामुमकिन हो गया है जिसपर कड़ाई से पालन किया जाना जरूरी है। मैनपुर जनपद पंचायत कार्यालय के सामने स्कूल मध्यान भोजन रसोईया संयुक्त संघ मैनपुर विकासखण्ड द्वारा अपने तीन सूत्रीय मांगो को लेकर पिछले एक सप्ताह से उग्र धरना प्रदर्शन आंदोलन किया जा रहा है। रसोईया संघ की प्रमुख मांग रसोईयो को नियमित किया जाये, कलेक्टर दर मानदेय दिया जाये और रसोईयो को निकालना बंद करे लेकिन इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते इसका खामियाजा नन्हे मुन्हे बच्चे भुगत रहे है स्कूल के समीप बच्चे भोजन अवकाश में जैसे तैसे अपने घर पहुंच दोपहर का खाना खाकर पुनः स्कूल पहुंचते है लेकिन दूरस्थ ग्रामों में रहने वाले बच्चो को घर से खाना लेकर ही स्कूल जाना पड़ रहा है सरकार को चाहिए कि इस समस्या को देखते हुए अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करे जिससे कि स्कूली बच्चे मध्यान भोजन से वंचित न हो सके।