राज्य स्तरीय पुस्तक “दिव्यांगता : अधिकार, अवसर और आशा” का भव्य विमोचन, गरियाबंद की शिक्षिका समीक्षा गायकवाड़ को राज्य मंच पर मिला सम्मान
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा – “यह पुस्तक दिव्यांगजनों के लिए बनेगी नई उम्मीद की किरण”
गरियाबंद/राजिम(गंगा प्रकाश)।राज्य स्तरीय पुस्तक “दिव्यांगता : अधिकार, छत्तीसगढ़ के शिक्षा जगत के लिए 26 जुलाई का दिन एक स्वर्णिम पन्ने के रूप में दर्ज हो गया, जब रायपुर के प्रतिष्ठित होटल सोलिटेयर में राज्य स्तरीय पुस्तक “दिव्यांगता : अधिकार, अवसर और आशा” का गरिमामय विमोचन छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के करकमलों से संपन्न हुआ। यह ऐतिहासिक अवसर केवल एक पुस्तक विमोचन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह उस सोच, समर्पण और संवेदना का भी उत्सव बन गया, जो समाज के सबसे वंचित वर्ग – दिव्यांगजनों – के लिए शिक्षा और आत्मनिर्भरता के नए द्वार खोलने की दिशा में केंद्रित है।

राज्य मंच पर गरियाबंद की गौरवशाली उपस्थिति
इस अवसर पर गरियाबंद जिले के लिए गर्व का विषय तब बना, जब राजिम के शासकीय रामबिशाल पाण्डेय उत्कृष्ट विद्यालय की व्याख्याता समीक्षा गायकवाड़ को उनके रचनात्मक एवं शोधपरक योगदान के लिए राज्यस्तरीय मंच पर सम्मानित किया गया। उपमुख्यमंत्री श्री साव ने शिक्षिका को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित करते हुए उनके कार्य की सराहना की और कहा, – “जब भी आपकी ज़रूरत होगी, मैं आपके साथ रहूँगा। आप जैसे शिक्षकों की वजह से शिक्षा समाज की रीढ़ बनती है।”
पुस्तक: एक मिशन, एक आंदोलन
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका के. शारदा के नेतृत्व में तैयार इस पुस्तक को प्रदेश के 33 जिलों के चयनित समर्पित शिक्षकों ने मिलकर आकार दिया है। तकनीकी और भाषा संपादन का कार्य धर्मानंद गोजे और वसुंधरा गोजे ने संभाला है, जबकि पुस्तक प्रभारी प्रीती शांडिल्य रहीं।
इस पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें न केवल दिव्यांगजनों के अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई है, बल्कि आवेदन प्रक्रिया, संपर्क सूत्र, संसाधन और क़ानूनी पहलुओं को भी सरल और जन-भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
शिक्षिका समीक्षा गायकवाड़ ने बताया कि – “हमारा उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाना है। इसीलिए हमने QR कोड्स, वीडियो सामग्री और दृष्टिबाधितों के लिए ऑडियो फॉर्मेट भी पुस्तक में शामिल किया है।”
दिव्यांगजनों के लिए एक सशक्त उपकरण
पुस्तक में सम्मिलित QR कोड्स को स्कैन कर छात्र ऑडियो-विज़ुअल सामग्री से पाठ्यवस्तु को अधिक प्रभावी ढंग से समझ सकते हैं। दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए पुस्तक का ऑडियो संस्करण उपलब्ध कराया गया है, जो समावेशी शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
लेखन में योगदान देने वाले प्रदेश के शिक्षक नायकों की टीम
इस अत्यंत उपयोगी और बहुप्रतीक्षित पुस्तक में योगदान देने वाले शिक्षकों में गरियाबंद जिले से संतोष कुमार तारक, अनिल कुमार अवस्थी, खोमन सिन्हा शामिल हैं। साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों से चंचला चन्द्रा, महेन्द्र कुमार चन्द्रा, समता सोनी, डॉ. कृष्णपाल राणा, वसुंधरा गोजे, संतोष कुमार पटेल, वीरेंद्र कुमार, अमरदीप भोगल, पोषण मारकण्डे, बिसे लाल, रश्मि वर्मा, बलराम नेताम, ब्रजेश्वरी रावटे, यशवंत कुमार पटेल सहित कुल 40 से अधिक शिक्षकों ने लेखन कार्य में योगदान दिया है।
जिला प्रशासन और शिक्षकों की शुभकामनाएं
इस अवसर पर गरियाबंद जिले से जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर, डीएमसी शिवेश शुक्ला, एपीसी मनोज केला, एडीपीओ बुद्धविलास सिंह, एपीसी विल्सन थॉमस, प्राचार्य संजय एक्का, संकुल समन्वयक भारती नामदेव, बी.एल.ध्रुव, सागर शर्मा, कमल सोनकर, गोपाल देवांगन, पूजा मिश्रा, राजेश कंसारी, साक्षी जपे, राकेश साहू, नीता यादव, कैलाश साहू, जितेन्द्र साहू, संदीप बनौधे समेत जिले के अनेक अधिकारियों, शिक्षकों, संकुल समन्वयकों और विद्यार्थियों ने समीक्षा गायकवाड़ को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं।