सीमावर्ती जिले में किसी को डरने की जरूरत नहीं – अमित शाह

अरविन्द तिवारी 

पूर्णिया (गंगा प्रकाश)- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से बिहार में तेजी से अपराध बढ़ने का दावा करते हुये कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का सूपड़ा साफ हो जायेगा और अगले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।उन्होंने आज यहां रंगभूमि मैदान में आयोजित भाजपा की रैली को संबोधित करते हुये कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है इसलिये सीमांचल के लोगों को किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है। गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनते ही प्रदेश में विधि-व्यवस्था की स्थिति चरमरा जाने का अरोप लगाते हुये कहा कि अपराधियों के सत्ता में बैठे होने की वजह से मुख्यमंत्री षड्यंत्र करने वालों को रोक नहीं पायेंगे। घोटालेबाजों को मंत्री देने के बाद से ही सीएम कुमार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर प्रतिबंध लगाने की बात करने लगे हैं। यह राजद अध्यक्ष  यादव का भय और सत्ता का मोह नहीं तो और क्या है। इस राज्य में जंगलराज का खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने सीएम कुमार के प्रधानमंत्री बनने को लेकर चल रही अटकलों पर कटाक्ष करते हुये कहा कि कांग्रेस विरोधी राजनीति से उत्पन्न नीतीश बाबू फिर से कांग्रेस और राजद की गोद में जा बैठे हैं। इस तरह सत्ता के स्वार्थ में दल-बदल करके नीतीश बाबू प्रधानमंत्री बन सकते हैं क्या ? बिहार में सरकार चल सकती है क्या ?

भाजपा के शीर्ष नेता ने कहा कि नीतीश कुमार सबसे पहले देवीलाल गुट में गये , फिर लालू के साथ कपट किया। उन्होंने सबसे बड़ा धोखा जॉर्ज फर्नांडीस को दिया ,  फर्नांडीस के कंधे पर बैठकर समता पार्टी बनाई और जब तबीयत खराब हुई तो उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को धोखा दिया , फिर भाजपा को पहली बार दोखा दिया , फिर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को धोखा दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को धोखा दिया और अब फिर से प्रधानमंत्री बनने की लालसा में भाजपा को धोखा देकर लालू यादव के साथ चले गये हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा – मैं सीमांत जिलों में आया हूं तो लालू-नीतीश के पेट में दर्द हो रहा है, वे कह रहे हैं कि मैं यहां झगड़ा लगाने आया हूं। ये काम लालू परिवार का है। नीतीश लालू की गोदी में बैठे हुये हैं। यहां डर का माहौल है। ये सीमावर्ती जिले हिंदुस्तान का हिस्सा है , किसी को डरने की जरूरत नहीं है। गृहमंत्री ने बिहार के लिए मोदी सरकार के 1.35 लाख करोड़ रुपये के काम गिनवाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके कामों का हिसाब मांगा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में 01.25 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया था लेकिन उसके मुकाबले हवाईअड्डे , पर्यटन , पेट्रोलियम एवं गैस, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल, बिजली आदि क्षेत्रों में 01.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। अब मुख्यमंत्री कुमार बतायें कि उन्होंने राजद अध्यक्ष यादव के साथ मिलकर कुर्सी बचाने के अलावा क्या-क्या काम किये हैं ? शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार को तीन साल के भीतर वामपंथी उग्रवाद को मुक्त कराया। चक्रबंधा और भीमबंधा से नक्सलवाद खत्म हो गया। कभी वामपंथी उग्रवाद के प्रभाव में रहने वाला बिहार अब इससे मुक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीबों की सरकार है। हर घर में शौचालय का निर्माण और कोरोना का टीका लगाने के बाद दो साल तक प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम राशन मुफ्त दिया गया है। सरकारी योजना का पैसा अब डायरेक्ट लोगों के खाते में आता है। लालू के बिचौलियों को खाने के लिये नहीं मिलता। बिहार के सभी शहरों में मोदी सरकार ने बिजली पहुंचाई। गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने के फैसले को सही बताया और यादव एवं कुमार को चुनौती देते हुये कहा – क्या लालू यादव और नीतीश कुमार इसका समर्थन करेंगे। इनमें हिम्मत नहीं है। देश की सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार ने जो कदम उठाये , लालू उसे मानते नहीं। लालू राज में फिरौती मांगी जाती थी , हत्यायें होती थीं। गांधी मैदान में लालू-नीतीश दोनों लट्ठ रैली निकालेंगे और लालू नीतीश के कंधे पर रहेंगे। एक बार भाजपा को पूर्ण बहुमत दे दीजिए , हम बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बना देंगे। गृहमंत्री शाह रैली को संबोधित करने के बाद किशनगंज के लिये रवाना हो गये। वे किशनगंज में भाजपा कोर कमेटी की बैठक में शामिल हुये। इस मौके पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, पूर्व विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव एवं मंगल पांडेय, पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और रामकृपाल यादव समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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