
अरविन्द तिवारी
नई दिल्ली (गंगा प्रकाश)– आज का नया भारत , नई सोच , नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है। आज भारत तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था भी है और निरंतर अपनी इकॉलोजी को भी मजबूत कर रहा है। हमारे वन आवरण में वृद्धि हुई है और झीलों का दायरा भी तेज़ी से बढ़ रहा है। भारत आज दुनियां को नेतृत्व दे रहा है और आगामी पच्चीस साल देश के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं। अपने कमिटमेंट को पूरा करने के हमारे ट्रैक रिकॉर्ड के कारण ही दुनियां आज भारत के साथ जुड़ भी रही है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात में नर्मदा जिले के एकता नगर में राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उद्घाटन करने के बाद पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा भारत ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो का टारगेट रखा है। अब देश का फोकस ग्रीन ग्रोथ पर है , ग्रीन जाब्स पर है और इन सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये हर राज्य के पर्यावरण मंत्रालय की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि मैं इस सम्मेलन में उपस्थित सभी राज्यों से पर्यावरण संरक्षण में सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने और पूरे भारत में सफल समाधान लागू करने का आग्रह करता हूं। सर्कुलर इकोनॉमी सालों से हमारी परंपराओं और संस्कृति का हिस्सा रही है। हमें उन प्रथाओं को वापस लाने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करने की जरूरत है। इससे सोलिड वास्ट मैनेजमेंट और सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति के हमारे अभियान को भी ताकत मिलेगी। पीएम ने कहा आजकल हम देखते हैं कि कभी जिन राज्यों में पानी की बहुलता थी और ग्राउंड वॉटर ऊपर रहता था , वहां आज पानी की किल्लत दिखती है। ये चुनौती सिर्फ पानी से जुड़े विभाग की ही नहीं है बल्कि पर्यावरण विभाग को भी इसे उतना ही बड़ी चुनौती समझना होगा। पीएम ने कहा हमने दुनियां को दिखाया है कि रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में हमारी गति और हमारा पैमाने को शायद ही कोई छू सकता है। बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये भारत आज दुनियां को नेतृत्व दे रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना देश का विकास , देशवासियों के जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास सफल नहीं हो सकता। लेकिन हमने देखा है कि एनवायरमेंट क्लीयरेंस के नाम पर देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को कैसे उलझाया जाता था। प्रधानमंत्री ने कहा राजनीतिक समर्थन प्राप्त शहरी नक्सलियों व विकास विरोधी तत्वों ने गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के निर्माण को कई वर्षों तक रोके रखा और दावा करते रहे कि यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचायेगा। इस देरी के कारण भारी धन राशि का नुकसान हुआ। अब जब बांध बनकर तैयार है , तो आप देख सकते हैं कि उनके दावे कितने खोखले थे। पीएम मोदी ने इस साल भारत में लाये गये जानवरों के बारे में बताते हुये कहा कि हमें उन प्रथाओं को वापस लाने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है। बीते सालों में गिर के शेरों , बाघों , हाथियों , एक सींग वाले गैंडों और तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश में चीता की घर वापसी पर भारत द्वारा चीते का गर्मजोशी से स्वागत भारत के विशिष्ट अतिथि आतिथ्य का एक उदाहरण है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम ऐसे समय मिल रहे हैं , जब भारत अगले पच्चीस साल के लिये नये लक्ष्य तय कर रहा है। मुझे विश्वास है कि आपके प्रयासों से पर्यावरण की रक्षा में भी मदद मिलेगी और भारत का विकास भी उतनी ही तेज गति से होगा।